सतरेंगा की खुबसूरती ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बनाया मुरीद, वाटर स्पोर्ट्स का भी लिया लुत्फ

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को 2 दिनों के कोरबा प्रवास पर थे। मुख्यमंत्री के प्रोटोकाॅल के मुताबिक कोरबा के घंटाघर ओपन थियेटर में आम सभा के बाद शाम 4 बजे हेलिकाप्टर से सतरेंगा प्रस्थान का समय तय किया गया था। लेकिन कार्यक्रम में देरी होने के कारण मुख्यमंत्री की आम सभा शाम 5 बजें खत्म हुई और फिर सामाजिक संगठनो की बैठक में रात के आठ बज गये। लेकिन काफी थके होने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा की खूबसूरती सतरेंगा पर्यटन स्थल पर जाने की इच्छा जाहिर की।

रात के वक्त हेलिकाप्टर उड़ान नही भर सकता था, लिहाजा मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से ही रात के वक्त कोरबा से सतरेंगा का सफर तय किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रात करीब 9:20 बजे मार्डन टूरिज्म का रूप ले चुके सतरेंगा पहुंचे और वहां की खूबसूरती को देख अभिभूत हो गये। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष डाॅ.चरणदास महंत, प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंग टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद ज्योत्सना महंत के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। कोरबा कलेक्टर किरण कौशल की अगुवाई में रात के वक्त सतरेंगा की खुबसूरती को देखने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दूसरे दिन सुबह जहां पानी के बीच तैरते फलोटिंग रेस्टोरेंट में चाय पी, वही सतरेंगा के डूबान क्षेत्र में वोटिंग कर सतरेंगा की खुबसूरत वादियो को देखा।

सतरेंगा के ओपन आडिटोरियम में अधिकारियों की बैठक के दौरान भी मुख्यमंत्री काफी खुश नजर आये और सतरेंगा से जाते वक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हेलीपेड पर कलेक्टर किरण कौशल की मेहनत और सोच की खूब सराहना की। मुख्यमंत्री ने बोटिंग से होने वाले फायदे को देखते हुए आने वाले दिनों में सतरेंगा में और भी बोट बड़ाने की बात कही है, जिसका सीधा फायदा यहां पहुचने वाले सैलानियों को मिलेगा।

गौरतलब है कि सतरेंगा को मार्डन टूरिज्म का रूप देने में कोरबा कलेक्टर और जिला प्रशासन की टीम ने वर्ष 2020 में ही खूब मेहनत की थी। सतरेंगा की खूबसूरती को देख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतरेंगा में कैबिनेट की बैठक का फैसला ले लिया था। जिसके बाद कलेक्टर किरण कौशल ने कैबिनेट की बैठक सतरेंगा के डूबान में पानी के बीचों-बीच फलोटिंग रेस्टारेंट में करने की तैयारी की थी। लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस बैठक पर ग्रहण लगा दी थी। लिहाजा साल भर की मेहनत का परिणाम ये रहा कि कोरबा कलेक्टर किरण कौशल और उनकी टीम की मेहनत को मुख्यमंत्री ने खूब सराहा और सतरेंगा की खूबसूरती से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी प्रभावित भी हुए।