- बरसात के दिनों में 25 गांवो मे आवाजाही मुश्किल हजारों लोगों का संपर्क टूटेगा
- स्कूली बच्चों को होगा दिक्कत जिम्मेदार कौन
पूरन मेश्राम/गरियाबंद। जिला गरियाबंद के विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र की 8 ग्राम पंचायत से हजारों लोगों ने अपनी मूलभूत मांगों के लिए वर्षों से संघर्ष करते हुए आ रहे हैं। जायज मांग सड़क पानी बिजली पुल पुलिया शिक्षा स्वास्थ्य आज भी आधा अधूरा है। क्षेत्र वासियों के हलचल के बाद कार्यों में कुछ गति तो आ जाती है लेकिन फिर ठंडा बस्ता में चला जाता है। इसीलिए आज भी क्षेत्रवासी जायज मांगों के लिए संघर्ष करने को मजबूर होते हैं।
शुक्लाभाँठा बागनाला जर्जर बीचो-बीच हो गया है पोला बरसात के दिनों में आवाजाही मुश्किल
22 साल पहले राजापड़ाव से गौर गांँव जाने वाली पक्की सड़क मार्ग में शुक्ला भाँठा बाग नाला पर पुलिया के बजाय रपटा बना दिया गया घटिया निर्माण के कारण बारिश के पहले रपटा जर्जर एवं बीचो-बीच पोला हो गया है जिसके कारण भरी बरसात में 20 से 25 गांव के हजारों लोगों का संपर्क टूट जाएगा स्कूली बच्चों को बहुत दिक्कतें होगी, निर्माण सामग्री गांव तक नहीं पहुंच पाएगी। सोसायटी से राशन सामग्री लाने के लिए परेशानी होगी। आवश्यक सामग्री के लिए क्षेत्र वासियों को महीनो भटकना पड़ेगा, विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से संपर्क टूट जाएगा। जिससे गांव का विकास भी प्रभावित होगा।
ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी शासन प्रशासन को नहीं है। वर्षों से क्षेत्रवासी बरसात के पहले सैद्धांतिक तरीके से मांग भी करते हैं लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा अनुसूना कर दिया जाता है।
इस रपटा में पुलिया निर्माण के लिए 3 करोड़ 47लाख 56 हजार रुपए की स्वीकृत होने के बावजूद भी क्षेत्र वासियों को मुसीबत झेलना पड़े। ऐसी दुख भरी दास्तान क्षेत्रवासी कैसे झेलें। इसके अलावा कोकड़ी बाघनाला मे पुलिया निर्माण के लिए 2 करोड़ 41 लख रुपए,अड़गडी नाला मे 2करोड़ 57लाख, शोभा नाला मे 3करोड़ 43लाख जरहीडीह नाला मे पुलिया निर्माण के लिए 2करोड़ 41लाख रूपये की स्वीकृति होने के बावजूद भी बरसात के दिनों में क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़े यह समझ से परे लगता है।
गोना से गरीबा जाने वाली पक्की सड़क मार्ग के रपटा भी जर्जर व बीचो-बीच गढ्ढा
कोचेंगा के समीप रपटा के बीचों-बीच गढ्ढा एवं जर्जर हो गया जिसे ग्राम पंचायत के माध्यम से मुरूम डालकर फिलहाल पाटा गया है।बरसात में पूरी तरह से आवागमन बाधित होने की संभावना है। मरम्मत के नाम पर भी विभाग खानापूर्ति ही किया जाता है। संबंधित विभाग को बरसात के पहले संज्ञान में लेकर वैकल्पिक व्यवस्था भी किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा भी नहीं हो रहा है इसीलिए क्षेत्रवासी अपनी वाजिब मांगों के लिए सड़क की लड़ाई लड़ने मजबूर होते रहते हैं।
इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी एसडीओ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चंद्राकर सर, मुझे आज ही दोपहर में जानकारी मिली है। शुक्ला भाँठा बाघ नाला रपटा जर्जर एवं पोला हो गया है। उसमें पुल बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी को 2022 में एन.ओ. सी. दिया गया था। उसमें टेंडर लगा हुआ है। अभी फिलहाल पुलिया का काम तो नहीं हो पाएगा। लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पुराने माल को निकालते हुए उसमे कांक्रीट भरकर व्यवस्थित किया जाएगा।ठेकेदार को भेज कर कौन-कौन सा सामग्री आवश्यकता होगी। निरीक्षण पश्चात 4-5 दिनो मे बन जायेगा। कोचेंगा के समीप रपटा मे भी पुलिया बनना है।रिन्यूअल के लिए गया है। इसी साल स्वीकृत हो जाएगी।