कपूरथला। पंजाब के कपूरथला की रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) ने अपने डबल डेकर कोच वेरियंट में हाईस्पीड 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाला थ्री-फ्लोर डबल डेकर कोच तैयार किया है। इसे भारतीय रेलवे के बेड़े में शामिल किया जाएगा। आरसीएफ के जीएम रवींद्र गुप्ता ने बुधवार को पहला कोच अनुसंधान व डिजाइन मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ ओसीलेशन ट्रायल के लिए भेजा है।
ये है सिटिंग कैपेसिटी व स्पेसीफिकेशन
डबल डेकर कोच में 120 सीट हैं। अपर डेक में 50 और लोअर डेक में 48 सीटें हैं। मिडिल में 16 और 6 सीटें हैं। इसमें पर्याप्त लेगरूम के साथ 3 गुना 2 फॉर्मेट में बैठने की व्यवस्था है। आरामदायक यात्रा के लिए अनुकूलित चौड़ा गलियारा, खूबसूरत अंदरूनी दृश्य, ओवरहेड खुला ढुला लगेज रैक, खिड़कियों के साथ मोबाइल व लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आॅनबोर्ड वाई-फाई और अन्य सुविधाओं के लिए एलईडी डेस्टिनेशन बोर्ड इसकी विशेषताएं हैं।
यात्री एरिया में एंट्री के लिए आटोमेटिक स्लाइडिंग डोर का प्रावधान है। इसके अलावा मिनी पैंट्री की व्यवस्था है। कोच में 160 केएन (160 किलो न्यूटन) क्षमता के एयर स्प्रिंग्स के साथ फिएट बोगी के रूप में अत्याधुनिक सस्पेंशन सिस्टम है, जो यात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगा। वहीं सीसीटीवी कैमरे और फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम भी लगाया है।
आरसीएफ के जीएम रवींद्र गुप्ता ने बताया कि भारतीय रेलवे में पटरियों और सिग्नलिंग प्रणाली के तेजी से अपग्रेड होने के कारण हाई स्पीड और ज्यादा सिटिंग कैपेसिटी वाले कोचों का उत्पादन करना जरूरी हो गया है। यह डबल डेकर कोच विशेषतौर पर व्यस्त मार्गों के लिए हैं। यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा यात्रा को सुखद व आरामदायक बनाने के लिए इसमें कई प्रकार की सुविधाओं का समावेश किया गया है।
बता दें कि भारतीय रेलवे में डबल डेकर कोच के उत्पादन के लिए आरसीएफ एकमात्र उत्पादन इकाई है। शुरूआत में आरसीएफ ने पारंपरिक प्लेटफॉर्म पर नॉन एसी डबल डेकर कोच का निर्माण किया। मार्च 2010 में 130 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाला पहला एसी डबल डेकर बनाया गया। इसके बाद मार्च 2019 में अतिरिक्त सुविधाओं से लैस उदय डबल डेकर कोच तैयार किया गया।