जिला प्रशासन की खुली छूट, हो रहीं है महानदी से रेत की लूट…

Chhattisgarh Crimes

जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स (महासमुन्द)

सत्ता के मठाधीशों के संरक्षण एवं जिला प्रशासन की मौन स्वीकृति से ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की कैसी धज्जियां उड़ाई जा रही है बरबसपुर रेत घाट को देखकर समझा जा सकता है। रोक के बावजूद भी इस घाट पर निरंतर रेत खनन जारी है। इतना ही नहीं अब रेत को महानदी से निकाल कर खाली जगहों में भंडारण किया जा रहा है। जबकि कलेक्टर डोमन सिंह ने 15 जून से रेत खनन पर रोक लगाया था। लेकिन अब खनन कर्ता ने कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं।

सत्ता में काबिज होते ही सारे नियम कायदे कानून को धत्ता बताने की पुरानी रित रही है। ये हम नहीं बरबसपुर और बड़गांव में संचालित रेत घाट को देखकर जान सकते हैं। कलेक्टर डोमन सिंह ने जून माह में ग्रीन ट्रिब्यूनल का हवाला देते हुए एक आदेश जारी किया था कि 15 जून 2021 से जिले भर के रेत घाट से खनन पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध रहेगा। लेकिन इन रेत घाटों से लगातार रेत खनन किया जा रहा है। बरबसपुर के महानदी रेत घाट महासमुंद कुर्मीपारा निवासी मनोज कुमार चंद्राकर ए 1 खसरा नंबर 1, रकबा 4.00 हेक्टेयर दूसरा ए 2 खसरा नंबर 175, रकबा 4.00 हेक्टेयर पर रेत खनन की अनुज्ञा दी गई है। जिसका पर्यावरण समाप्ति अवधि 14 अक्टूबर 2019 की है। अब सवाल यह है कि इन रेत घाटों पर प्रतिबंध के बाद भी किसके इशारे पर रेत खनन और डंप हो रहा है किसी से छीपी नहीं है।

सत्ता के नशे में चूर मठाधीश के गुर्गों ने सारे नियम, कायदे, कानून को बलाएं ताक पर रख दिया है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन और खनिज विभाग को नहीं है। सत्ता के ताकत के सामने जिला प्रशासन भी घुटने टेक दिए हैं। वहीं इन खनन कार्ताओं ने रेत उत्खनन में हाइवा के बजाए ट्रेक्टर के माध्यम से रेत निकाला जा रहा है। फिर बाहर भंडारण किया जा रहा है। यहीं नहीं बरबसपुर गांव के मेन रोड से लेकर रेत घाट तक खेत बारी आदि स्थानों पर रेत डंप किया जा चुका है। जबकि बरबसपुर में सिर्फ तीन लोगों को रेत भंडारण की अनुज्ञा दी गई है। इनमें अमित चंद्राकर को 4 हजार टन, सतन परमार 4 हजार टन तथा भुवनेश्वरी निषाद को 2 हजार टन रेत भंडारण की अनुमति दी गई है। आज बकरीद की छुट्टी थी और हमारे रिपोर्टर ने गांव कादौरा किया तो देखा कि गांव प्रवेश करते ही चारों तरफ रेत ही रेत दिखाई देती है।

ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश के परिपालन में रेत खनन पर प्रतिबंध के संबंध में कलेक्टर डोमन सिंह से मोबाइल पर चर्चा करने पर कल बात करने की बात कह कर टाल गए। छत्तीसगढ़ क्राइम के रिपोर्टर ने प्रतिबंध के बावजूद रेत खनन के सवाल पर जिला खनिज अधिकारी एच. डी. भारद्वाज ने टीम को भेजने की बात कही गई। वहीं महासमुंद से बरबसपुर 12 किलोमीटर की सफर तेय करने में खनिज विभाग टीम को पौन घंटे लग गए। शाम करीब साढ़े पांच बजे खनिज विभाग की टीम के साथ खनिज इंस्पेक्टर जितेन्द्र चंद्राकर दो बोलेरो में दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने कार्यवाही के नाम पर मोबाइल से वीडियो बनाया और बड़गांव की ओर रवाना हो गए।