मैनपुर। भीषण गर्मी के सीजन में पेयजल एवं निस्तारी के लिए ग्रामीण रहवासियों को कितना तकलीफ उठाना पड़ता है। जिसका नजारा जिम्मेदारों को ग्रामीण इलाकों में तहकीकात कर देखा जा सकता है। शुद्ध पेयजल एवं निस्तारी के लिए ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में तकलीफ ना हो इसके लिए शासन प्रशासन के द्वारा हर संभव प्रयास भी किया जाता है। लेकिन कुछ जगहों में ग्रामीणों के समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए नियम कानून को ताक में रखकर दबंगों के द्वारा सरकारी बोरिंग में भी कब्जा करते हुए अपने एवं परिवार के लिए उसमें मोटरपंप बोर लगाकर उपयोग किया जाता है। जिसका विरोध तो कम पढ़े लिखे ग्रामीण दबे जुबान से करते तो हैं,, लेकिन ग्रामीण समुदाय गंभीर समस्या झेलने के बावजूद भी दबंगों से मुकाबला नहीं कर पाते हैं। ऐसे कृत्य करने वालों के ऊपर शासन प्रशासन को अंकुश लगाने की नितांत आवश्यक है।नहीं तो ऐसे मामले हर इलाकों में होना स्वभाविक हो जाता है।
मामला कहां का और कैसा है
विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 65 किलोमीटर की दूरी पर बसा उरमाल के समीप ग्राम सरगीगुडा का मामला है। जहां पर कश्यप पारा वार्ड नंबर 8 जहां पर 30 से 40 परिवार निवासरत हैं। रहवासियों के मांग के अनुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से हैंड पंप बोरिंग खनन किया गया था।जिससे वार्ड वासी पेयजल और निस्तारी का उपयोग करते रहे हैं।
हैंडपंप में दबंग शिक्षाकर्मी विवेक कश्यप का चला चक्रव्यू का खेल
दबंग शिक्षाकर्मी वर्ग 3 पदस्थ सरगीगुडा विवेक कश्यप जिनका भाई भूपेंद्र कश्यप रोजगार सहायक उनके परिवार से ही उपसरपंच,मितानिन जो रौबदार दबंगई के चलते उसी सरकारी हैंडपंप में मोटर पंप स्थापित करके खुलेआम कुछ वर्षों से पानी का उपयोग कर रहा है। रौबदार शिक्षाकर्मी के घर में टैंक तक जब तक पानी नहीं पहुंचाया जाता है। तब तक एक बूंद पानी के लिए तरसने वाले वार्ड वासियों को उसी हैंड पंप के समीप खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। ग्रामीणों के लिए नया विकल्प भी नहीं किया गया। दबंग शिक्षाकर्मी चाहते तो एक नहीं कई हैंड पंप निजी तौर से खनन करवा सकता है। लेकिन ग्रामीणों के ऊपर अत्याचार करना होता है। तो ऐसा ही सरकारी संपत्तियों पर एकाधिकार जमाने का नाहक प्रयास किया करते हैं। इन सब को जानकर भी ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने चुप्पी साधी हुई है। शायद दबंग शिक्षाकर्मी के रौब से भयभीत हो।
संबंधित विभाग को तत्काल संज्ञान लेने की जरूरत
एक तो विवेक कश्यप शासकीय कर्मचारी और शासकीय हैंडपंप पर एकाधिकार नियम कानून को ताक में रखकर मोटर पंप लगाया गया है। जिस पर तत्काल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिलाधिकारी को संज्ञान में लेते हुए उस हैंडपंप को एकाधिकार से मुक्त कराने की नितांत आवश्यक होगी। अन्यथा बेसहारा जरूरतमंद लोगों के परेशानियों का समाधान नहीं निकल पाएगा ।