ग्रामीणों को घर मकान एवं जमीन से वन विभाग ने किया बेदखल, उड़ीसा बॉर्डर में आदिवासी समुदाय झोपड़ी बनाकर रहने मजबूर

  • जीवन यापन करने में आ रही भारी परेशानी, साफ पानी भी नसीब नहीं, झरिया खोद कर पानी पीना मजबूरी
  • ऐसे परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत तो हुआ पर मकान बनाने के लिए जगह नहीं होने से हो रही मुश्किल
    शासन प्रशासन निकाले समाधान
  • गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष टीकम नागवंशी ने देर रात गांव का वास्तविक स्थिति जानने के बाद किया प्रेस वार्ता

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र बफर जोन के गांव कोदो माली (ईचरादी) एवं टाँगरान के ग्रामीणों को 2005 के पूर्व वन भूमि पर कब्जा नहीं होने जिसका गूगल मैप को आधार मानकर वन विभाग के द्वारा मकान सहित जमीनों से वन विभाग तौरेंगा परिक्षेत्र के द्वारा वहां से ग्रामीणों को बेदखल कर दिया गया।जिसके कारण बेघर हुए परिवारों के द्वारा उड़ीसा सीमा में झोपड़ी बनाकर आज भी रह रहे हैं। आजीविका चलाने के लिए भयंकर परेशानी होने के बाद भी शासन प्रशासन से न्याय के आस लगाये है।

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गांँव के दौरे पर आए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष टीकम नागवंशी ने प्रेस वार्ता में बताया कि उदंती टाइगर रिजर्व के कोदोमाली (ईचरादी)व टाँगरान सहित 2-3 गांव को वन विभाग के द्वारा 2005 के पूर्व कब्जा नहीं होने का गूगल मैप को आधार मानकर वहां से हटा दिया गया।

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बेघर हुए परिवार बड़ी मजबूरी में तंगहाली से छोटे-छोटे झिल्ली से झोपड़ी बनाकर उड़ीसा बॉर्डर में रह रहे हैं।उन परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए स्वीकृत हुआ है।

लेकिन एक इंच भी जमीन नहीं होने के कारण मकान को कहां बनाएं असमंजस की स्थिति बनी हुई है।शासन प्रशासन को समाधान निकालना नितांत आवश्यक है। शुरुआती दौर में ही वन विभाग बेदखली का कार्यवाही किया गया होता तो आज यह नौबत नहीं आती इतने साल तक वन विभाग कहां सोया हुआ था इस संबंध में विधि सम्मत जिला के मुखिया कलेक्टर को ज्ञापन देकर समाधान के लिए आग्रह किया जाएगा।

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