प्रथम सेवक के रूप में भगवान को लेकर गईं राज्यपाल; मुख्यमंत्री ने स्वर्ण झाड़ू से साफ किया रास्ता

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रायपुर में अब से कुछ ही देर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने वाली है। राज्यपाल अनुसुईया उईके भगवान जगन्नाथ को प्रथम सेवक के रूप में रथ तक लेकर पहुंची हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छर पहनरा की रस्म की और स्वर्ण झाड़ू से रास्ता साफ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने भगवान की आरती उतारी और मंदिर में हवन किया। मुख्यमंत्री का मंदिर में पगड़ी पहनाकर समिति ने स्वागत किया गया था।

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गायत्री नगर में पुरी की ही तरह रथों को सजाया गया है। भगवान इसकी सवारी करेंगे। महाप्रभु के महापर्व से जुड़ी छटा देखने को मिलेगी। बिलासपुर और बस्तर सहित कई जिलों में भी पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। बिलासपुर में 16 फीट लंबा, 17 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा रथ बनाया गया है। बस्तर में भी भगवान जनकपुरी स्थित गुंडिचा मंदिर में अपनी मौसी के घर जाएंगे।

मंदिर में हवन करते मुख्यमंत्री।

रायपुर में आयोजन समिति ने गायत्री नगर में तीन रथ तैयार करवाए हैं। इसी तरह पुरी में भी रथ यात्रा निकलती है। जिस रथ में जगन्नाथ विराजेंगे उसे ‘नंदीघोष कहा जाता है। भाई बलराम जी के रथ का नाम ‘तालध्वज’ है,बहन सुभद्रा जी ‘दर्पदलन’ रथ पर सवार होती हैं। ये तीनों रथ शुक्रवार को लोगों के दर्शन के लिए मौजूद रहेंगे।

यहां भगवान के लिए पुरी से आती है जड़ी बूटियां

मान्यता के मुताबिक गायत्री नगर के जगन्नाथ मंदिर में स्नान पूर्णिमा के बाद से ही बीमार हैं। पिछले करीब 15 दिनों से भगवान जगन्नाथ को काढ़ा दिया जा रहा था। इसके लिए जगन्नाथ पुरी और ओडिशा के नरसिंह नाथ से जड़ी-बूटियां हर साल रायपुर आती हैं। इसी से बने काढ़े का भोग भगवान को लगता है।

रायपुर का जगन्नाथ मंदिर परिसर में उमड़ी भक्तों की भीड़।