प्रधानमंत्री बोले- पहले मैं कहता था दवाई नहीं तो ढिलाई नहीं, अब दवाई भी और कड़ाई भी

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नई दिल्ली। गुजरात में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स अस्पताल की आधारशिला रखी। देशवासियों को पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी। जिसके बाद देश में बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने का मतलब ये नहीं की लापरवाही बरतें। अब दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र से हम आगे बढ़ें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए एक और कदम बढ़ा दिया गया है। 2020 को एक नई नेशनल हेल्थ फेसिलिटी के साथ विदाई देना आने वाली प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है।

कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि नया साल 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है, भारत में वैक्सीन को लेकर हर जरूरी तैयारी चल रही है। वैक्सीन हर वर्ग तक पहुंचे इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में हैं, दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने जाने की तैयारी जोरों पर है. गुजरात ने भी कोरोना से निपटने और वैक्सीन की तैयारी को लेकर अच्छी स्थिति में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2021 हेल्थ सॉल्यूशन का साल होने वाला है। भारत अब फ्यूचर आॅफ हेल्थ, हेल्थ आॅफ फ्यूचर में अहम रोल निभाने जा रहा है। बीमारियां अब ग्लोबली फैल रही हैं, ऐसे में इनका इलाज भी दुनिया को एक साथ करना चाहिए। अगर अलग-अलग प्रयास करेंगे तो फायदा नहीं होगा।

कोरोना वॉरियर्स को करें सलाम

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल कई कोरोना वॉरियर्स ने अपनी जान गंवाई है, साल के आखिरी दिन उन्हें नमन करना का है। पूरे साल देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने किसी को भूखा नहीं सोने दिया और सेवा की। भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना कर सकता है। भारत ने वक्त रहते अच्छे फैसले किए इसी वजह से आज हमारी स्थिति बेहतर है। कोरोना को मात देने में भारत का रिकॉर्ड काफी बेहतर रहा है।

आयुष्मान भारत से मिल रही मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले सिर्फ 6 एम्स तैयार थे, हमने 6 साल में 10 एम्स पर काम शुरू कर दिया है। एम्स की तर्ज पर ही सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं। पीएम ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ सेंटर्स बनाए जा रहे हैं, अब तक डेढ़ करोड़ लोगों को इसका फायदा मिला है। आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक बच गए हैं। देश में 7 हजार जन औषधि केंद्र बनाए गए हैं, जहां कम कीमत पर दवाई मिल रही हैं।

क्या हैं राजकोट एम्स की खासियत?

राजकोट में 201 एकड़ में ये नया एम्स बनने जा रहा है। जिसकी लागत 1195 करोड़ रुपये होगी। अनुमान है कि 2022 तक इसे पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा।

इस एम्स में कुल 750 बेड का अस्पताल होगा, साथ ही 30 बेड आयुष के लिए होंगे। साथ ही 125 टइइर सीटें और 60 नर्सिंग सीटें भी होंगी। इस एम्स को सीधे एयरपोर्ट से कनेक्ट किया जाएगा। राजकोट एयरपोर्ट से सिर्फ 11 किमी दूर ये एम्स स्थित होगा।

एम्स में मरीजों के साथ आने वाले लोगों के लिए अलग से धर्मशाला बनाई जा रही है, साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी अलग क्वार्टर बनना है। केंद्र सरकार की ओर से देश के अलग-अलग राज्यों में एम्स बनाए जा रहे हैं, ताकि हर राज्य में अच्छे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा रहेगी। जनवरी, 2019 में केंद्र सरकार ने राजकोट एम्स को मंजूरी दी थी।