कोरोना से बचने पूरे गांव वालों ने कर लिया अपने बालों को लाल

Chhattisgarh Crimes

दुर्ग। चांदी जैसा रंग है तेरा… सोने जैसे बाल…’ आपने ये मशहूर गजल तो बहुत सुनी होगी। लेकिन आइए आज आपको एक गांव लिए चलते हैं, जहां का नजारा कुछ इस गजल से मिलता-जुलता है, हालांकि यहां बालों का रंग सोने जैसा नहीं, काला नहीं, सफेद भी नहीं, बल्कि लाल है। और क्यों बालों का ये लाल रंग, गांववालों का साथ नहीं छोड़ रहा, आइए देखते हैं।

ढाई साल का ये मासूम, ये बच्चे और किशोर उम्र की ये लड़कियां, घरों की ये महिलाएं और ये गांव के नौजवान, कुछ खास नजर आया आपको। जी हां, बिलकुल सहीं समझा आपने। इन सभी के बालों का रंग लाल है। अब सवाल ये है कि पूरे गांव के लोगों के बालों का रंग एक ही क्यों और लाल ही क्यों? सुनकर आपको बड़ा अजीब सा लगेगा, लेकिन ये अजीबोगरीब सच दुर्ग जिले के धमधा इलाके के सिरनाभाठा गांव का है, जिसे बयां कर रही हैं ये तस्वीरें। यहां के करीब 100 घरों में 300 से ज्यादा गैरिया गोंड़ आदिवासी रहते हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इन्होंने अपने बालों का रंग लाल कर रखा है। इन्हें लगता है कि बालों को लाल रंग से रंगने के बाद कोरोना पास नहीं फटकता। जिसकी वजह से पूरे गांव के लोगों ने चाहे वो बच्चा हो, महिला हो, जवान हो या बूढ़ा डाई कराकर अपने बालों का रंग लाल कर लिया है। कहते हैं कि 15 दिन पहले समाज की एक महिला को इस संबंध में एक सपना आया था। खास बात ये भी है कि इस गांव में हुई टेस्टिंग में किसी भी शख्स को संक्रमित नहीं पाया गया।