बलरामपुर। मजदूर ने पाई-पाई जोड़कर रकम इकट्ठा किया था. वह अपने लिए एक नई बाइक लेना चाहता था. लेकिन उसे क्या पता था कि उसके पास मौजूद उस पैसे की वजह से उसके अपने बच्चे की हत्या हो जाएगी. दरअसल उसके पास मौजूद रकम पर पड़ोसी की टेढ़ी नजर थी. यही वजह है कि उस पैसे को पाने के लिए उसने मजदूर के बच्चे का अपहरण कर लिया. 10 वर्षीय बच्चे को अगवा कर फिरौती मांगने वाला था. लेकिन बच्चे के विरोध करने पर पड़ोसी ने बच्चे को मौत के घाट उतार दिया. इस पूरे मामले का खुलासा पुलिस ने किया है. मामले में पुलिस ने पड़ोसी रविपाल और उसकी सहायता करने वाले एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि बलरामपुर जिले के बलंगी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम तोरफा में एक मजदूर का 10 वर्षीय बेटा घर के सामने से रहस्यमय तरीके से 2 अक्टूबर को गायब हो गया था. जिसके बाद मासूम का शव 7 अक्टूबर को घर से करीब 500 मीटर दूरी पर नदी किनारे सिर धड़ से अलग बरामद हुआ था.
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, मृतक नाबालिग बालक कक्षा 6वीं का छात्र था, जो 2 अक्टूबर 2024 की शाम को घर के पास खेल रहा था. शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. अगले दिन 3 अक्टूबर को बालक के माता-पिता ने चौकी बलंगी में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर ने बालक की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की. जिसके बाद टीम जांच में जुट गई. इस दौरान 6 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली कि मोरन नदी के किनारे धवघटवा जंगल में एक सड़ा-गला शव मिला है, जिसकी पहचान गुमशुदा बालक के रूप में की गई. इसके बाद पुलिस ने मामले को हत्या मानकर जांच तेज कर दी.