थायराइड से बचाव करने में सहायक हैं ये 3 आयुर्वेदिक नुस्खे, इन फूड्स का भी करें सेवन

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गलत लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण होने वाली बीमारियों में थायराइड सबसे आम है। महिलाओं में ये बीमारी बहुत आम हो गई है। थायराइड, गर्दन के अंदर मौजूद तितली के आकार की ग्रंथि होती है जिसका काम हार्मोन बनाना होता है। शरीर में जिंक, आयोडीन और सेलेनियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने से ये बीमारी होती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा दवा लेने से हाई बीपी या लो बीपी की वजह से भी थायराइड हो सकता है। नींद कम आना, कमजोरी महसूस होना या जरूर से ज्यादा प्यास लगना इसके आम लक्षण हैं। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, थायराइड से बचाव करने में सहायक होती हैं। आइए जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल करने का सही तरीका।

थायराइड पेशेंट के लिए फायदेमंद हो सकती हैं ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां
अश्वगंधा
अश्वगंधा चूर्ण बाजार में आसानी से मिल जाता है। थायराइड पेशेंट इस दूध में मिलाकर पी सकते हैं। या इसके जड़ को पानी में उबालकर पी सकते हैं। इससे हार्मोन्स को बैलेंस रखने में मदद मिलती है।

तुलसी
लंबे समय से कई बीमारियों का इलाज करने के लिए तुलसी का सेवन किया जाता रहा है। थायराइड में भी तुलसी काफी फायदेमंद होती है। इसके लिए आप 2 चम्मच तुलसी के रस में एलोवेरा का जूस मिलाकर पिएं। इससे आपको काफी राहत मिल सकती है।

मुलेठी
मुलेठी, थायराइड हार्मोन को नियंत्रित रखने के साथ ही थायराइड कैंसर से भी बचाता है। इसमें ऐसा एसिड होता है जो थायराइड कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।

नारियल तेल
नारियल का तेल स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। ये वजन घटाने से लेकर मधुमेह जैसी बीमारियों से भी निजात दिलाता है। थायराइड के मरीज खाने में नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लौकी का जूस
थायराइड पेशेंट के लिए लौकी एक अच्छा ऑप्शन है। खाली पेट लौकी का जूस पीने से कई दिक्कतें दूर हो सकती हैं। इसमें पानी की भरपूर मात्रा होती है जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है।

काली मिर्च
नियमित रूप से भोजन में थोड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। इसमें पिपराइन और एंटी-डिप्रेसेंट के गुण होते हैं जो टेंशन, डिप्रेशन को दूर रखने में सहायक हैं। साथ ही इसका सेवन करने से हड्डियों के दर्द को भी दूर किया जा सकता है।

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