डाॅक्टर बनने जा रहे ये तीन होनहाऱ कभी नहीं भूला पायेंगे CM भूपेश को, गरीब परिवार से आने वाले तीनों बच्चों का प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में होगा दाखिला, सरकार उठायेगी एडमिशन का पूरा खर्च

जेएनयू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एण्ड रिसर्च सेंटर जयपुर में दिलाया गया प्रवेश

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जमा कराई एक करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए की फीस

एमबीबीएस कोर्स के लिए कुल 3 करोड़ 32 लाख 25 हजार रूपए का आएगा खर्च

नीट क्वालिफाई करने के बाद भी नहीं मिल पाया था एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश

रायपुर। अब सुधीर भी डाक्टर बनेगा !अब एश्वर्या का भी MBBS में दाखिला होगा ! अब जयंत भी डॉ जयंत कहलायेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुधीर, एश्वर्या और जयंत ताउम्र नहीं भूला पायेगा। जब भी उनके जिस्म पर डाक्टर का एप्रन सजेगा,हाथ में स्टेथोस्कोप आयेगा,सामने सर्जरी की टेबल होगी, मरीज होगा, बीपी की मशीन होगी,तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम उनकी जुबान पर जरूर होगा।ऐसा इसलिए क्योंकि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बदौलत ही एश्वर्या, जयंत और सुधीर के नाम के साथ डाक्टर जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुफ्लिसी में पले इन तीन होनहारों का मेडिकल में दाखिले का पूरा खर्च सरकार की तरफ से उठाने का ऐलान किया है।

दंतेवाड़ा के तीन प्रतिभावान विद्यार्थियों का डॉक्टर बनने का सपना अब साकार हो सकेगा। पी.ई.टी. तथा पी.एम.टी की कोचिंग हेतु संचालित बालक आवासीय विद्यालय बालूद एवं कन्या आवासीय विद्यालय कारली, दन्तेवाड़ा के इन तीनों छात्र-छात्राओं को जयपुर केे निजी मेडिकल कॉलेज जेएनयू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एण्ड रिचर्स सेंटर में सरकारी खर्चे पर प्रवेश दिलाया गया है। इन तीनों छात्र-छात्राओं के प्रवेश के लिए एक करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए फीस जिला प्रशासन दंतेवाड़ा द्वारा जमा करा दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई सरकार सुदूर अंचलों के छात्र-छात्राओं को निजी कॉलेज में सरकारी खर्चे पर MBBS की पढ़ाई पूरी कराने जा रही है।

ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन द्वारा पी.ई.टी. तथा पी.एम.टी की कोचिंग हेतु संचालित बालक आवासीय विद्यालय बालूद एवं कन्या आवासीय विद्यालय कारली, दन्तेवाड़ा से NEET 2020 क्वालिफाई कर चुके इन छात्र-छात्राओं का तकनीकी त्रुटि के कारण एमबीबीएस कोर्स हेतु स्टेट काउंसिलिंग में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाने के कारण ये छात्र-छात्राएं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने से वंचित रह गये थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में जैसे ही यह जानकारी आई, तो उन्होंने संवेदनशील पहल करते हुए छात्र-छात्राओं को निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी खर्चे पर प्रवेश दिलाने के निर्देश जिला प्रशासन दंतेवाड़ा को दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए तीन विद्यार्थियों  सुधीर कुमार रजक,  जयंत कुमार और कुमारी ऐश्वर्या नाग को निजी कॉलेजों में प्रवेश दिलाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गयी। इन तीनों छात्र-छात्राओं के निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की फीस 3 करोड़ 32 लाख 25 हजार रूपए में से कुल 1 करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए की राशि जमा करा दी गई है।