सक्ती। कार में आग लगाने वाले दो आरोपितों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डा ममता भोजवानी ने तीन वर्ष सश्रम कारावास और 16 हजार रुपए अर्थ दंड से दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार अनुसार प्रार्थी रेखराज अग्रवाल पिता स्वर्गीय केदारनाथ अग्रवाल निवासी खरसिया रोड ठनगन थाना डभरा के द्वारा थाना डभरा में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि 16जुलाई 2022 की रात्रि करीब 3 बजे जब वे लोग सो रहे थे तो अचानक उसके घर के अंदर धुआं भरने लगा।
पूरा परिवार बाहर आकर देखा तो उसकी नई मारुति वेगन आर कार में आग लगी हुई थी । कार जल रही थी प्रार्थी स्वयं एवं आसपास के लोगों के द्वारा आग को बुझाने का प्रयास किया पर कार पूरी तरह से जल गई।आसपास के लोगों की मदद से आग को बुझाया गया । आग से जलकर लगभग 5 लाख रुपए का नुकसान उसे हुआ। पुलिस ने आगजनी का मामला कायम कर जांच में लिया। पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध भादवि की धारा 435 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया।
जांच के दौरान अज्ञात आरोपियों की पता साजी की गई ।घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को देखा गया जिसमें दो युवकों के द्वारा आग जलाते हुए दिखने पर आग लगाने वाले व्यक्तियों के हुलिया के अनुसार घटनास्थल के पड़ोस की दुकान में आना-जाना करने वाले युवकों ठाकुरपाली, चुराघाठा क्षेत्र के रितेश बारेठ उर्फ विक्की तथा अमनदीप चौहान के रूप में पहचान की गई। हिरासत में लेकर पूछताछ कर उनका बयान लिया गया। घटना के समय पहने रेनकोट एवं घटना में प्रयुक्त बाइक एसपी शाइन 125 तथा अन्य सामग्री जब्त की गई।
आरोपितों के द्वारा आपराधिक षडयंत्र कर आग लगाई गई थी। इसलिए उनके विरुद्ध धारा 435, 436, 120 बी ,427 एवं धारा 4 लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम की धारा जोड़ी गई और न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।मामले की सुनवाई कर द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने कुल 13 गबाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर उनका गवाही ली। पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश डा ममता भोजवानी ने आरोपितों को धारा 435 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए धारा 427 में 1 वर्ष के सश्रम करावास एवं 2 हजार रुपए के अर्थ दंड से , धारा 120 बी के लिए 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थ दंड से धारा 120 बी/ 427 . में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2हजार रुपए के अर्थ दंड से तथा धारा 4 लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया गया । अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी की।