कुंडली में शनि दोष से छुटकारा पाने हनुमान जयंती पर करें ये उपाय, ऐसे करें पूजा

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रायपुर। भगवान हनुमान जयंती में इस साल 16 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस साल हनुमान जयंती पर एक खास शुभ योग बन रहा है। महामाया मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंगलवार और शनिवार को जब हनुमान जयंती होती है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस वजह से इस बार की हनुमान जयंती शनि को प्रसन्न करने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस साल हनुमान जयंती ऐसे दिन मनाई जाएगी, जब पूरे दिन सुबह से रात तक रवि योग और हर्षण योग लगे रहेंगे।

राजधानी में विभिन्न हनुमान मंदिरों में जन्मोत्सव की तैयारी जोरों से चल रही है। शहर के प्रमुख बुढ़ेश्वर चौक स्थित हनुमान मंदिर, माधवराव सप्रे शाला के हनुमान मंदिर, रेलवे स्टेशन हनुमान मंदिर, गुढ़ियारी हनुमान मंदिर, आजाद चौक हनुमान मंदिर आदि जगहों पर हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होंगे। यहां हनुमान चालीसा, सुंदरकांठ पाठ, भजन और भोग-भंडारे का आयोजन होगा। वहीं, मंदिरों में आकर्षक रंग-रोगन के साथ विद्युत लाइटों से सजाया जा रहा है।

त्रेतायुग में हुआ है हनुमान जी जन्म

पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि उत्सव सिंधु और हनुमत उपासना कल्पद्रुम नामक ग्रंथों में उल्लेख है कि हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा, मंगलवार, चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे हुआ था। हिंदु पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने और पूजा करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा गया है।

हनुमान जयंती पर ऐसे करें पूजा

हनुमान जी की पूजा करें। धूप और दीप जलायें। फूल चढ़ाने के बाद फल और मिष्ठान का भोग लगायें। हनुमान जी के सामने निर्मल भाव से हाथ जोडकर बैठ जाएं और भगवान को नमन करें। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति के सामने हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। अगर शत्रुओं पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो बजरंग बाण का पाठ करें। यह भी न कर सकें तो ‘ऊं हं हनुमतये नम:’ मंत्र का जाप करें। वह भी कर सकें तो ‘जय श्रीराम’ का जाप करें। क्योंकि हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त हैं और उनकी आराधना से वह बेहद खुश होते हैं।

शनि देव और मंगल ग्रह की करें शांति

हनुमान जयंती पर जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि देव और मंगल ग्रह अशुभ फल दे रहे हैं तो वे लोग इस दिन हनुमान जी की पूजा से इन ग्रहों की अशुभता को दूर कर सकते हैं। हनुमान जी को शनि देव ने वचन दिया है कि वे हनुमान भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। इसलिए शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान हनुमान जी की पूजा करने की सलाह दी जाती है।