नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज 100% एथेनॉल फ्यूल पर चलने वाली टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस कार अनवील की। ये कार दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल का प्रोटोटाइप है। इसे BS6 स्टेज-2 के नॉर्म्स के अनुसार डेवलप किया गया है।
ये कार हाइब्रिड सिस्टम के लिए एथेनॉल बड़ी बातें कहीं…
- 16 लाख करोड़ का फ्यूलफ्यूल से 40% इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर सकती है। वहीं एथेनॉल की कीमत करीब 60 रुपए प्रति लीटर है। यानी यह पेट्रोल की तुलना में कहीं अधिक किफायती है, जो वर्तमान में लगभग 100 रुपए प्रति लीटर पर बिकता है।इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि एथेनॉल फ्यूल वाली गाड़ियों के लिए अभी एक समस्या भी है। देश में एथेनॉल के पंप नहीं हैं। इसलिए मेरा पेट्रोलियम मंत्री से अनुरोध है कि वो सभी पेट्रोलियम कंपनियों को एथेनॉल के पंप शुरू करने का आदेश दें।
नितिन गडकरी ने इवेंट में 4
इंपोर्ट कर रहे हैं। ये बड़ी समस्या है। हमारे देश में 40% पॉल्यूशन फॉसिल फ्यूल के कारण है। इंडियन ऑयल का पानीपत में प्लांट है जो पराली से 1 लाख टन बायो एथेनॉल और 150 टन बायो विटामिन तैयार करता है।
- राइस और कॉर्न से बनने वाले एथेनॉल के दाम पहले 56 रुपए थे। अब इसे 54 रुपए कर दिया गया है। इस कदम से इंडस्ट्री को बहुत फायदा मिला है। ये इंडस्ट्री देश के किसानों को योगदान देने वाली इंडस्ट्री है।
- एथेनॉल की इकोनॉमी जिस दिन 2 लाख करोड़ की बनेगी। उस दिन एग्रीकल्चर की ग्रोथ रेट 12% से बढ़कर 20% हो जाएगी। ये आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने में मदद करेगा। एथेनॉल के लिए इंटरनेशनल मार्केट भी बनेगा।
- बायो एविएशन फ्यूल भी बनाया जा रहा है। स्पाइजेट ने बॉम्बार्डियर Q400 से देहरादून-दिल्ली के बीच इस उड़ान का सफल परीक्षण किया था। इस्तेमाल में फ्यूल में 75% एविएशन टर्बाइन फ्यूल और 25% बायोफ्यूल का मिश्रण था।
मारुति भी फ्लेक्स-फ्यूल व्हीकल पर काम कर रही
टोयोटा के अलावा मारुति भी फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों पर काम कर रही है। कंपनी ने इस साल जनवरी में ऑटो एक्सपो में वैगन आर प्रोटोटाइप को पेश किया था। ये कार 85% एथेनॉल मिक्स फ्यूल पर चल सकती है।
स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनता है एथेनॉल
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।