फॉरेन करेंसी स्वेपिंग का काम करने वाली फर्म लाखों रुपए को असुरक्षित ढंग से एक पार्सल बनाकर यात्री बस से दूसरे शहर भेज रही थी। जानकारी होने पर उसी फर्म के तीन कर्मचारियों ने मिलीभगत करके पार्सल को बदल दिया। असली पार्सल खुद ले गए। उसमें 17 लाख से अधिक की राशि थी। शिकायत पर दो कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। तीसरा कर्मचारी फरार है।
पुलिस के मुताबिक, जादवानी फॉरेक्स कंपनी से 3 जून को 20 हजार अमेरिकी डॉलर (17 लाख 30 हजार) को नागपुर भेजा गया। नोट को एक लिफाफे में भरकर पार्सल बनाया गया। इसके बाद ऑफिस के कर्मचारी अमोद गुप्ता ने पुराना बस स्टैंड पंडरी के बीके ट्रेवल्स के जरिए पार्सल को कंपनी के नागपुर ऑफिस भेजने के लिए बुक किया। पार्सल में 100-100 डॉलर के 200 नोट थे।
पार्सल नागपुर ब्रांच पहुंचा, तो उसमें डॉलर नहीं था। खाली पार्सल ही था। पार्सल में नोट वाला लिफाफा नहीं था। इसकी शिकायत पर देवेंद्र नगर पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
भारी पड़ सकता है यह तरीका
यात्री बस में लाखों रुपए पार्सल के जरिए असुरक्षित ढंग से भेजना कभी भी भारी पड़ सकता है। कई सराफा कारोबारी भी करोड़ों के जेवर का आदान-प्रदान करते हैं। इससे चोरी, लूट, गबन होने की आशंका रहती है।
कर्मचारियों ने निकाल लिया लिफाफा
शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में बीके ट्रेवल्स के कर्मचारियों अनवर और तौफिक ने बताया कि बुक हुए पार्सल को कंपनी के दूसरे कर्मचारियों ने बदलवाया था। सीसीटीवी चेक किए गए। पुलिस ने कंपनी के ही कर्मचारी साहिल गोधवानी से पूछताछ शुरू की। पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह करता रहा। अंत में उसने साथी नुरूल हुसैन व आयरिश जुनैद के साथ मिलकर बुक हुए पार्सल को बदलना स्वीकार किया।
पार्सल में रखे विदेशी करेंसी को अपने पास रखना बताया। पुलिस ने साहिल व जुनैद को गिरफ्तार कर लिया। नुरूल फरार है। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 20 हजार डॉलर बरामद कर लिए गए। 4 मोबाइल फोन व हेक्टर कार सीजी 04 एनएल 9069 को भी जब्त किया है।