नशे की हालत में दो बाइकों में भिड़ंत, बड़ी दुर्घटना होते-होते बची

Chhattisgarh Crimes

किशन सिन्हा छत्तीसगढ़ क्राइम

छुरा. पिछले शाम शहर के मुख्य चौराहे ठूठीमौली चौंक पर एक गंभीर घटना घटी, जब एक बाइक सवार युवक नशे की हालत में अपनी बाइक से दुसरे बाइक से टकरा गया। यह घटना शाम के करीब 6 बजे की है, जब वह व्यक्ति चौराहे पर तेज़ गति से अपनी बाइक चला रहा था और संतुलन खो बैठा।

विडंबना की बात यह थी कि टक्कर के बाद भी, युवक नशे में था और उसके पास शराब की 4 और बोतल भी रखी हुई थी। चोट लगने के बावजूद, युवक अपनी सलामती की चिंता न करते हुए शराब की बोतल की फिक्र करता रहा जो कि घटना स्थल पर ही पुट कर बिखर गया था । गनीमत यह रही कि दूसरी बाइक पर सवार व्यक्ति को मामूली चोटें आईं और बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई।

घायल व्यक्ति पैसे से है शिक्षक स्कूल की छुट्टी के बाद शराब पीकर अगले दिन शासकीय अवकाश होने की वजह से शराब की व्यवस्था कर घर लौट रहा था वापस। यह घटना समाज में बढ़ते नशे की समस्या की एक और झलक दिखाती है एक शिक्षक जो समाज की नई पीढ़ी का निर्माता माना जाता है वही इस प्रकार की कृतियों में संयुक्त हो तो देश के भविष्य किस दिशा में जा रही है यह सोच पाना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर भी बल देती है।

युवक की स्थिति

विडंबना की बात यह थी कि टक्कर के बाद भी, युवक बेहद नशे में था और उसके पास शराब की एक और बोतल भी रखी हुई थी। चोट लगने के बावजूद, युवक अपनी सलामती की चिंता न करते हुए शराब की बोतल की फिक्र करता रहा। उसने बार-बार बोतल को उठाकर देखने की कोशिश की, जबकि उसके नाक से लगातार खून बह रहा था।

दूसरी बाइक पर सवार व्यक्ति

दूसरी बाइक पर सवार व्यक्ति, जो पास के ही गांव का रहने वाला है उसके पैर पर मामूली चोटें आईं है वह दुर्घटना के कुछ समय पश्चात स्वयं ही अपने घर चला गया। उसने बताया कि युवक इतनी तेजी से आया कि उसे संभलने का मौका ही नहीं मिला।

“प्रत्यक्षदर्शियों की प्रतिक्रिया

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने युवक की गैर-जिम्मेदाराना हरकत की निंदा की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “यह बहुत ही खतरनाक है कि लोग नशे में गाड़ी चलाते हैं। इससे उनकी जान के साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में पड़ जाती है।”

इस घटना ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि नशे की हालत में वाहन चलाना न केवल अवैध है, बल्कि यह अत्यधिक खतरनाक भी है। समाज में जागरूकता और सख्त कानूनों के जरिए ही ऐसे घटनाओं को रोका जा सकता है। जबकि पैसे से शिक्षक जिन्हें समाज में एक अलग दर्ज एक अलग नजरिया से देखा जाता है उनका यह स्वरूप निश्चित तौर पर निंदनीय है। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने होंगे ताकि सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।