केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने को-वैक्सीन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पर उठाये सवाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- जनता को गुमराह न करें केंद्रीय मंत्री

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रायपुर। देश और प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच दलगत राजनीति जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुरुआत में कोरोना की को-वैक्सीन लगाने से इन्कार करने को छत्तीसगढ़ में महामारी बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जवाब में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय मंत्री पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “ छत्तीसगढ़ सरकार ने DCGI द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिए जाने के बावजूद CO-VACCIN का उपयोग करने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार अपने कार्यों से लोगों की जान संकट में ही नहीं डाल रही बल्कि दुनिया में गलत संदेश भी दे रही है।”

जवाब में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दस्तावेजों के साथ चढ़ाई कर दी। सिंहदेव ने लिखा, “ छत्तीसगढ़ में 10 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है जो कि राष्ट्रीय कवरेज से काफी ज़्यादा है। एक दिन में 3 लाख लोगों को यानी राज्य की 1 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या को वैक्सीन दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार जितनी ज्यादा वैक्सीन की खेप छत्तीसगढ़ को मुहैया करवाएगी, हम उतने ही ज़्यादा लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन दे पायेंगे। अगर टेस्टिंग की बात करें तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में कुछ गिने राज्यों में से है जहां प्रति 10 लाख में सबसे ज़्यादा लोगों की टेस्टिंग हो रही है। टीएस सिंहदेव यहीं नहीं रुके। उन्होंने लिखा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी का यह वक्तव्य ऐसे समय पर आना जब सभी राज्यों और केंद्र ने पिछले दिन ही मिलकर महामारी से निपटने का निर्णय लिया था, बहुत ही दुःखद है। क्या वह राज्य सरकारों के साथ इस प्रकार की सहकारिता की अपेक्षा कर रहे हैं।”

टीएस सिंहदेव ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी का दावा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना द्वारा मृत्यु दर का कारण टेस्टिंग है बिल्कुल बेबुनियाद है। हमे दुख है की राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है पर 40000़ से अधिक प्रति दिन टेस्ट की संख्या ने इसके रोकथाम और बचाव में सहायता की है।

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