टीकाकरण हर पात्र व्यक्ति का राष्ट्रीय कर्तव्य, महासमुंद जिला हुआ सौ फीसदी वैक्सीनेट

Chhattisgarh Crimes

महासमुंद । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 152 वीं जयंती पर पूरा महासमुंद ज़िला फुल वैक्सीनेट हो गया है। अब पूरा फ़ोकस शेष बचे हितग्राहियों को कोविड-19 की दूसरी खुराक की ओर है। टीकाकरण कराना हर पात्र व्यक्ति का राष्ट्रीय कर्तव्य (नेशनल ड्यूटी) है। इससे वे और उनके परिजन के साथ पूरा मानव समाज भी भय मुक्त होता है। अब हम इस शत्रु के बारे में पहले की अपेक्षा बहुत कुछ जान गए है। संभावित तीसरी लहर की रोकथाम एवं नियंत्रण के सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गयी है। शुरुआत में इस अनजान शत्रु से मुक़ाबला के लिए लोग पूरी तरह तैयार नही थे, लेकिन अब हम इसके बारे में बहुत कुछ जानकर पूरी तरह लड़ने के लिए तैयार है। ज़िले में सभी ज़िला अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी ज़रूरी उपचार उपकरणों की व्यवस्था की गयी है। लोग समझ गए है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है।

कलेक्टर डोमन सिंह का कहना है कि सौ फीसदी टीकाकरण में निगरानी समिति, स्वास्थ्य अमला, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, जनता, अधिकारियों-कर्मचारियों और ग्रामीणों की अहम भूमिका रही। जिन्होंने टीकाकरण के लिए अपना साहस और इच्छा दिखाई और नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी पात्र हितग्राहियों का 100 फीसदी वैक्सीनेशन किया। यह उपलब्धि ज़िले की जनता की जागरूकता, गंभीरता और निजी जिम्मेदारी के कारण ही संभव हो सका। ज़िला अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों ने हर चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी दृढ़ता से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, जिसके लिए सभी के साथ वे भी बधाई के पात्र हैं।

इस तरह गांववालों का दूर हुआ डर और झिझक

जिला प्रशासन ने ग्राम निगरानी समिति का गठन किया। जन जागरूकता फैलाकर ग्रामीणों के भय को दूर करने के लिए कार्यक्रम चलाए। इन जागरूकता कार्यक्रमों को चलाने के लिए, स्वयं सहायता समूहों और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जन प्रतिनिधियो को भी शामिल किया। दीवार लेखन, सघन जनसंपर्क, प्रचार वाहन द्वारा जन जागरूकता फैलाई गई। लोगों के वैक्सीनेशन पंजीकरण के लिए युवाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्राम को कई भागों में बांटकर डोर-टू-डोर जाकर लोगों का निःशुल्क पंजीयन किया तथा वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया। ग्रामवासियों द्वारा यदि गांव में कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसे वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जाता था। कोविड-19 के शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के जन प्रतिनिधियो पंच-सरपंच, नगरीय निकाय के अध्यक्ष और पार्षदों को इस कार्य में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

यह एक बड़ी उपलब्धि है कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र को प्राप्त टीके खुराक बर्बाद नहीं हुई। उन्होंने बताया कि शुरुआत में टीकाकरण को लेकर गांववालों में कई तरह की भ्रांतियां, झिझक और भय व्याप्त था। लेकिन बाद में इन सभी को विभिन्न माध्यमों के ज़रिए किए गए प्रचार -प्रसार व जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए दूर कर लिया गया। इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन भी किया गया। कोविड संक्रमण की स्थिति को लेकर अभी भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ज़िले में संक्रमण दर में लगातार कमी आ रही है। पिछले कुछ सप्ताह से इसमें और गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले माह की बात करें तो इक्का-दुक्का या शून्य पॉज़िटिव केस आए है ।

हालांकि ज़िले में औसतन 1000 प्रतिदिन कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं। कई बार इनकी संख्या ज्यादा भी होती है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। किंतु अदृश्य शत्रु कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी के साथ खड़ा हैत्र। ज़िले में त्यौहारी सीजन के दौरान विशेष सावधानी रखी जा रही है आगे भी रखी जाएगी। पड़ोसी राज्य की सीमा से लगे इलाक़ों में सतर्कता बरती जा रही है। हाट बाज़ारों में मॉस्क और दूरी बनाकर रखने की बार-बार सलाह दी जा रही है और लोग इसका पालन भी कर रहे है। वही महासमुंद ज़िले में कोविड-19 के संक्रमण से हुए मृत व्यक्तियों के परिजनों/आश्रितों को आर्थिक अनुदान राशि प्रति मृत व्यक्ति 50 हजार रुपए दिये जाने हेतु आवेदकों से आवेदन लेना शुरू हो गए है।