तेज बारिश से खदान के बीच फसा ग्रामीण, देर रात प्रशासन ने रेस्क्यू कर बचाई जान…

Chhattisgarh Crimes

महासमुंद। महासमुंद क्षेत्र में रविवार से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के चलते बीती रात तहसीलदार महासमुंद को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम मुढ़ेना के पत्थर खदान में एक ग्रामीण पानी से भरे खदान के बीच फंसा हुआ है। तहसीलदार ने तत्काल सक्रियता दिखाते हुए घटना की सूचना कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी (रा) महासमुंद को दी।

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कलेक्टर डोमन सिंह ने तुरंत एसडीएम भागवत प्रसाद जायसवाल को बचाव के लिए निर्देशित किया और अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया। एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी महासमुंद की टीम तुरंत घटना स्थल पर पहुँची। मुढ़ेना स्थित बड़े पत्थर खदान के बीच टापू में बने झोपडी में एक ग्रामीण हंसराज निषाद फंसा हुआ है। टापू के दोनों तरफ से खदान से तेज बहाव के साथ पानी निकल रहा था।

ग्रामीणों के साथ पूछताछ करने पर पता चला कि इतने तेज़ बहाव के साथ बचाव किए जाने के लिए एक्सपर्ट टीम का सहयोग जरूरी है। इसी बीच खदान के किनारे 11 केवी का विद्युत प्रवाहित तार सहित ट्रांसफार्मर खदान में पाया जाने पर तत्काल विद्युत विभाग को सूचना दिया गया। विद्युत विभाग द्वारा सक्रियता दिखाते हुए लाइन बंद कर दी। इसके बाद एसडीएम ने बेमचा स्थित होम गार्ड की टीम से सम्पर्क स्थापित करके मोटर नाव के साथ बचाव दल को बुलाया गया। रात करीब 12.30 बजे मध्य को बचाव दल घटना स्थल पर पहुचा।

सुबह का इंतज़ार न कर टीम आधी रात को तेज़ बारिश के बीच रेस्क्यू टीम उसको निकालने में जुट गए। स्थानीय ग्रामीण अमले और हंसराज के पुत्र के साथ स्व स्फूर्त लोगों ने खदान के दूसरी तरफ से बचाव हेतु रवाना हुए और बहते तेज़ धार और बारिश के बीच रात करीब 2.30 बजे भारी मशक्कत के बाद हंसराज को खदान से बाहर सुरक्षित निकाला जा सका। मौजूद ग्रामीणों को एसडीएम, एसडीओपी और तहसीलदार द्वारा भविष्य में ऐसी घटना टाले जाने के लिए सतर्क रहने की समझाइश दी गई।

पूरे घटना के दौरान कलेक्टर सभी लोगों से सतत संपर्क में रहते हुए और विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए बचाव ऑपरेशन का सफल नेतृत्व किया। एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी और होम गार्ड ने सूझ बुझ के साथ बचाव ऑपरेशन का क्रियान्वयन किया गया। इसमें विशेष रूप से स्थानीय ग्रामीण व फसे व्यक्ति के पुत्र मीनू निषाद का योगदान भी सराहनीय रहा।