ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है ये हरी पत्ती, इन अन्य समस्याओं में भी है कारगर

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इन दिनों देश दुनिया में हर दूसरा व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। यह बीमारी अब केवल अधेड़ उम्र के लोगों को ही नहीं बल्कि जवान लोगों को भी अपनी चपेट में ले रही है। डायबिटीज खराब लाइफस्टाइल जैसे अनियमित खानपान, एक्सरसाइज न करना या फिर जेनेटिक वजहों से भी हो सकता है। इस बीमारी में लोगों को अपने खानपान का विशेष तौर पर ध्यान रखना होता है। आपको बता दें कि जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर देता है तो इसके कारण बॉडी में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है क्योंकि इसका बढ़ना आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में आपकी मदद तुलसी कर सकती हैं। औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का आयुर्वेद में बहुत अधिक महत्व है। तुलसी की पत्तियों में हाइपोग्लाइसेमिक लेवल कंट्रोल करने वाले गुण होते हैं। इसके साथ ही इनमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि ब्लड शुगर को कंट्रोल कर अतिरिक्त शुगर कंटेंट को शरीर से निकालने में मदद करते हैं।

हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

ब्लड शुगर के बढ़ने से किडनी फेल, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के साथ-साथ आंखों पर बुरा असर पड़ता है। कई मरीजों का ब्लड शुगर बढ़ जाने पर आंखों की रोशनी भी चली जाती है। ऐसे में ब्लड शुगर के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।

डायबिटीज के मरीज ऐसे करें तुलसी का सेवन

रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की 3-4 पत्तियों को लेकर चबा लें। तुलसी की कुछ पत्तियां एक गिलास पानी में रातभर डुबोकर रखें। सुबह खाली पेट यह पानी पीएं। ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए आप चाहे तो तुलसी की चाय पी सकते हैं। इसके लिए 4-5 तुलसी की पत्तियां को एक कप पानी में डालकर कम से कम 1 मिनट गर्म करें। अब इसे 1 कप में छान लें और थोड़ा सा शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

तुलसी के अन्य फायदे

तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्किन का टेक्स्चर बेहतर होता है। इसकी पत्ती सांस की बदबू से छुटकारा दिलाने में कारगर है। तुलसी के सेवन से स्ट्रेस कम होता है। साथ ही तुलसी का काढ़ा पीने से सर्दी-खांसी की समस्या भी दूर होती है। लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।