अप्रेंटिस कर रहे युवाओं ने डीआरएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया

जॉइन कराते समय 9405 रुपए स्टाइपेंड तय हुआ था, अब 7000 देने की बात पर भड़के

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रेलवे में अप्रेंटिस कर रहे दर्जनों युवाओं ने बुधवार को मंडल रेल प्रबंधक रायपुर-DRM का दफ्तर घेर लिया। ये लोग स्टाइपेंड दरों में बदलाव का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था, जब उनसे अप्रेंटिसशिप का कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया गया तो 9 हजार 405 रुपए प्रति माह का स्टाइपेंड बताया गया था। दो महीने वह दिया भी गया। अब केवल सात हजार रुपए महीना देने की बात कही जा रही है।

रायपुर में अप्रेंटिसशिप कर कर रहे बालकृष्ण साहू ने बताया, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे में अप्रेंटिस करने के लिए छत्तीसगढ़ सहित कई दूसरे राज्यों के लोग भी जाॅइन किये हैं। बात 9 हजार 405 रुपए का स्टाइपेंड देने की थी। शुरुआती दो महीेन में हम लोगों को वह राशि दी भी गई है। अब तीसरे महीने से केवल सात हजार रुपया स्टाइपेंड देने की बात कही जा रही है। यह तब है जब ट्रेनिंग के नाम पर हम लोगों से मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा है। कई बार हमें सुरक्षा उपकरणों के बिना काम पर उतार दिया जाता है। अब केवल सात हजार रुपए के स्टाइपेंड पर दूर-दराज से आये लोग काम नहीं कर पा रहे हैं। हमारी मांग है कि हमें पहले से तय स्टाइपेंड जारी रखा जाए। अगर कोई नया नोटिफिकेशन आया है तो उसे अगले बैच पर लागू करें। DRM ऑफिस पहुंचे युवाओं ने अधिकारियों से मुलाकात कर अपना मांगपत्र भी सौंपा है। प्रदर्शन करने वालों में मृत्युंजय राय, अमन, पप्पू यादव, घनश्याम, गोविंद, निशा, सोनाली, आरती, पउलुस टुडु, नित्यानंद तिवारी आदि शामिल थे।

रेलवे ने कहा – सब कुछ नोटिफिकेशन के हिसाब से

दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम विपिन वैष्णव ने बताया, कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में नोटिफिकेशन की बात शामिल थी। जो भी स्टाइपेंड दिया जा रहा है, वह 2019 में जारी उसी नोटिफिकेशन के आधार पर तय हुआ है। बच्चों को कुछ भ्रम हो गया था। उन्हें भी यही बात बताई गई है।

रेलवे में बड़ी संख्या में अप्रेंटिसशिप करते हैं युवा

रेलवे के विभिन्न तकनीकी विभागों में बड़ी संख्या में युवा अप्रेंटिसशिप करते हैं। इसके लिए रेलवे समय-समय पर आवेदन आमंत्रित करती रहती है। इसमें हाईस्कूल उत्तीर्ण और ITI युवाओं को एक परीक्षा के जरिये चुना जाता है। रेलवे अपने विभिन्न तकनीकी विभागों में उनको संबंधित क्षेत्र का प्रशिक्षण देती है। उसके एवज में स्टाइपेंड भी दिया जाता है।