वॉशिंगटन। अमेरिका के परमाणु मिसाइल बेस में कैंसर फैलाने वाले तत्व मिले हैं। मोंटाना न्यूक्लियर बेस में बड़ी संख्या में कर्मचारी कैंसर से ग्रस्त पाए गए हैं। अमेरिकी एयरफोर्स ने इसकी पुष्टि की है। अल जजीरा के मुताबिक मिसाइल बेस में कैंसर फैलने की शिकायत की गई थी। इसके बाद इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल बेस से सैंपल लिए गए, जिसमें कार्सिनोजेन पाया गया।
टॉर्चलाइट इनिशिएटिव के मुताबिक, परमाणु मिसाइल साइट पर काम करने वाले 268 कर्मचारियों और उनके परिजनों ने पिछले कुछ सालों में कैंसर, खून से जुड़ी बीमारी या दूसरे गंभीर रोगों से पीड़ित होने की जानकारी दी है। मोंटाना बेस की 2 मिसाइल लॉन्च फैसिलिटी से लिए गए सैंपल्स में PCB (कैंसर फैलाने वाला तत्व) का लेवल एनवॉयर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के अप्रूव्ड लेवल से ज्यादा है।
न्यूक्लियर मिसाइल बेस को खाली करवाने का आदेश
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, रिपोर्ट आने के बाद अमेरिकी एयरफोर्स ने तुरंत यह बेस खाली करवाकर सफाई और कैंसर फैलाने वाले तत्वों को हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बेस पर काम करने वाले कर्मचारियों, एयरफोर्स के वर्कर्स और उनके परिजन के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। बेस में सबसे ज्यादा केस ब्लड कैंसर के मिले हैं।
न्यूक्लियर साइट पर जो लोग कैंसर की चपेट में आए हैं, उनमें से ज्यादातर लोग मिसाइलर हैं जो अंडरग्राउंड कंट्रोल सेंटर में काम करते हैं। ये मिसाइलों की मॉनिटरिंग करते हैं और जरूरत पड़ने पर साइलो-आधारित परमाणु हथियार को लॉन्च करते हैं।
राष्ट्रपति के आदेश पर मिसाइल लॉन्च करते हैं मिसाइलर
इनमें से 2 मिसाइलर की नियुक्ति अंडरग्राउंड बंकरों में रहती है। ये मिसाइलर राष्ट्रपति का आदेश मिलते ही मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने के लिए तैयार रहते हैं। मिनटमैन III का साइलो और दूसरे अंडरग्राउंड कंट्रोल सेंटर्स को करीब 60 साल पहले बनाया गया था।
कंट्रोल सेंटर में बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद नहीं
सेंटर्स में मौजूद ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर दशकों पुराने हैं। मिसाइलर कई बार अपनी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ने की शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद वे खराब वेंटिलेटर, पानी की बुरी क्वालिटी और जहरीले पदार्थों के बीच 24-48 घंटे ऑन ड्यूटी रहने को मजबूर हैं।
टॉर्चलाइट इनिशिएटिव के मुताबिक, 1960 के दशक में मिनटमैन ऑपरेशन शुरू होने के बाद से अब तक अमेरिका में कुल मिलाकर करीब 21 हजार मिसाइलर ही रहे हैं।
क्या है मिनटमैन-3 मिसाइल?
मिनटमैन-III मिसाइल अमेरिकी वायु सेना में 50 सालों से शामिल है। इसे पहली बार 1970 में तैनात किया गया था। इसकी स्पीड 24 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी ऑपरेशन रेंज 10 हजार किलोमीटर है। मिनटमैन का पूरा नाम LGM-30G मिनटमैन-III है।
LGM में L का अर्थ साइलो लॉन्च मिसाइल है, क्योंकि यह जमीन में बने अंडरग्राउंड साइलो में रखी जाती है। यह वॉरहेड से लैस मिसाइल है जो युद्ध के समय परमाणु बम ले जाने में सक्षम है। मिनटमैन-III अमेरिका के परमाणु हथियारों के जखीरे में जमीन से चलने वाली इकलौती ICBM (इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) है। यह दुनिया में कहीं भी अपने टारगेट को भेदने में सक्षम है।