उद्धव के खिलाफ बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री राणे पर 3 FIR, पूरे राज्य में शिवसैनिकों का उग्र प्रदर्शन; लाठीचार्ज हुआ

Chhattisgarh Crimes

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयानबाजी केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महंगी पड़ती दिखाई दे रही है। शिवसैनिकों ने मंगलवार को महाराष्ट्र के 17 शहरों में उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। नासिक में BJP कार्यालय पर पत्थरबाजी की गई, तो वहीं मुंबई में राणे के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिवसैनिकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के खिलाफ पुणे, रायगढ़ और नासिक में FIR दर्ज हो गई है। साथ ही औरंगाबाद और खेरवाड़ी में भी FIR दर्ज करने की मांग की गई है। पुणे और नासिक पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट भी जारी कर दिया है। पुणे के चतुःश्रुगी पुलिस स्टेशन की एक टीम रायगढ़ के चिपलून के लिए रवाना हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यह टीम नारायण राणे को गिरफ्तार करने जा रही है। भाजपा की जनआशीर्वाद यात्रा में शामिल नारायण राणे सोमवार से यहीं पर हैं।

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राणे राज्यसभा सांसद हैं, इसलिए पुलिस को प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। गिरफ्तारी के बाद इसकी जानकारी राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को दी जाएगी। पुलिस यह जानकारी उन्हें हिंदी या अंग्रेजी में देगी। राणे के बयान के बाद शिवसैनिक आक्रामक नजर आ रहे हैं। नासिक में तकरीबन आधा दर्जन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पर पथराव भी किया।

राणे ने जब से महाराष्ट्र में जनआशीर्वाद यात्रा शुरू की है, अब तक उन पर 49 FIR दर्ज हो चुकी हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर मामले कोविड नियमों को तोड़ने पर दर्ज किए गए हैं।

क्या कहा था नारायण राणे ने?

नारायण राणे जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं। सोमवार को महाड में पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा था कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में CM उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर कंफ्यूज दिखे। इस पर नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था, “देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं… अरे हीरक महोत्सव क्या? मैं होता तो कान के नीचे लगाता।’ उन्होंने आगे कहा था कि स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको मालूम नहीं होना चाहिए? कितनी गुस्सा दिलाने वाली बात है यह। सरकार कौन चला रहा है, यह समझ ही नहीं आ रहा है।” राणे ने जब यह बयान दिया, तब उनके साथ विधान परिषद के विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर भी वहां मौजूद थे।

केंद्रीय मंत्री हूं, कानून पता है : राणे

पुलिस के वारंट जारी करने पर नारायण राणे ने कहा, “मुझे इस संबंध में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। पुलिस की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है। मैंने कोई गुनाह नहीं किया। मैं केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा का सांसद हूं, इसलिए कानून के बारे में मुझे अच्छी तरह से पता है।”

राणे ने बयान पर सफाई देते हुए कहा, “CM उद्धव ठाकरे ने भाजपा विधायक प्रसाद लाड के लिए कहा था कि हम उन्हें ऐसा तमाचा मारेंगे कि वह अपने पैरों पर खड़े होने लायक नहीं बचेंगे। मैं इसी के जवाब में उनके कान के नीचे बजाने की बात कही थी। अगर मेरे खिलाफ FIR हुई है तो CM के खिलाफ केस क्यों नहीं किया गया था। राणे ने आगे कहा ईर्ष्या की वजह से मेरी जन आशीर्वाद यात्रा को रोकने का काम किया जा रहा है।”

प्रसाद लाड ने कुछ दिन पहले शिवसेना भवन तोड़ने की बात कही थी। हालांकि, बाद में उन्हें बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने की बात कहते हुए अपना बयान वापस ले लिया था।

उद्धव को बोलने अधिकार नहीं

कोरोना का हवाला देते हुए नारायण राणे ने कहा कि महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। उसके नियंत्रण के लिए कोई योजना नहीं, उपाय नहीं, वैक्सीन नहीं, डॉक्टर नहीं, चिकित्सा कर्मचारी नहीं है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की स्थिति भयावह है। इन्हें बोलने का अधिकार भी है क्या? इन्हें बगल में एक सेक्रेट्री रखना चाहिए और सलाह लेकर बोलना चाहिए।

राणे के खिलाफ 3 FIR दर्ज

राणे के बयान के बाद शिवसेना पदाधिकारी सुधाकर बडगुजर ने नासिक के महाड़ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई थी। सुधाकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री और एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनके खिलाफ दिया गया बयान पूरे राज्य का अपमान है। शिकायत में कहा गया है कि राणे के बयान से समाज में नफरत फैल सकती है। नासिक पुलिस ने राणे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।