दो काउंसिलिंग के बाद भी खाली रह गई डेंटल कालेज की 303 सीटें

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रायपुर। मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया के बीच छात्र डेंटल की पढ़ाई में रूचि नहीं ले रहे हैं। दो काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी राज्य में 303 सीटें खाली रह गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर के शासकीय डेंटल कालेज में बीडीएस की 100 सीटें है। वहीं पांच निजी डेंटल कालेजों में 500 सीटें उपलब्ध है।

दो चरणों में हुए काउंसिलिंग प्रक्रिया के बीच बीडीएस की कुल 600 सीटों में सिर्फ 297 सीटें ही भर पाई है। वहीं 303 सीटें खाली है। खाली सीटों में शासकीय कालेज में 24, निजी कालेजों में सरकारी कोटे की 147, एनआरआइ कोटे की 132 सीटें रिक्त है।

इधर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दो चरणों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद 114 सीटें खाली बची है। पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में अनारक्षित वर्ग की एक, कांकेर मेडिकल कालेज में एक, महासमुंद मेडिकल कालेज में अनारक्षित और ओबीसी के लिए एक-एक कुल चार सीटें रिक्त है। इसी तरह निजी मेडिकल कालेजों की बात करें तो शासकीय कोटे की सीटों में श्रीबालाजी, रिम्स व श्री शंकराचार्य मेडिकलकालेज मिलाकर कुल 23 सीटें अब भी रिक्त है। वहीं इन कालेजों में मैनेजमेंट कोटे की 60, और एनआरआइ कोटे की 27 सीटें रिक्त हैं।

12 दिसंबर तक ज्वाइस फिलिंग

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बताया कि खाली सीटों का मापअप राउंड से भरा जाएगा। इसके लिए छात्र 12 दिसंबर तक आनलाइन माध्यम से प्रवेश के लिए च्वाइस भर सकते हैं। इसके आधार पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेरिट सूची जारी की जाएगी। मापअप राउंड में सीट बच गई तो उसे स्टे राउंड राउंड के माध्यम से भरा जाएगा। इसमें विभाग एक सीट पर 10 छात्रों के आधर पर सूची कालेजों को देगा, वहीं से भर्ती होगी।