महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 31 नए केस मिले, देश में कुल मरीज 500 के पार; दिल्ली में कल से नाइट कर्फ्यू

Chhattisgarh Crimes

मुंबई। महाराष्ट्र में रविवार को ओमिक्रॉन के 31 नए केस मिले है। इसके साथ ही यहां नए वैरिएंट से संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 141 हो गई है। मध्यप्रदेश में 8 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। ये सभी इंदौर के हैं। इनमें से 6 ठीक होकर घर जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में भी पहला ओमिक्रॉन संक्रमित मिला है। इस तरह देश में ऐसे मरीजों का आंकड़ा 500 के पार हो गया है।

उधर, दिल्ली में रविवार को कोरोना के 290 केस रिपोर्ट किए गए हैं। अब यहां एक्टिव केस की संख्या 1,103 हो गई है। राज्य सरकार के ऑफिशियल कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में भी 0.5% की गंभीर बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने नेशनल कैपिटल में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। राज्य में नाइट कर्फ्यू का नियम सोमवार रात से लागू होगा। रोजाना रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा।

मुंबई में भी कोरोना के 922 नए मामले दर्ज किए गए। ये 7 महीनों में यह एक दिन में मिले मरीजों की यह सबसे बड़ी संख्या है। साथ ही शनिवार को मिले केस के मुकाबले 21% ज्यादा हैं। 4 जून को मुंबई में एक दिन में 973 मामले सामने आए थे। अब यहां 4,295 एक्टिव केस हैं। पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 2.64% हो गया है। इसके बावजूद मुंबई के बीच पर भारी भीड़ दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र में 1,648 नए केस मिले हैं।

ओमिक्रॉन संक्रमित बिना ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के हो रहे ठीक

देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस वैरिएंट के संक्रमित आसानी से ठीक हो रहे हैं। उन्हें अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट, वेंटिलेटर, स्टेरॉयड्स या रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ रही है।

ये दावा दिल्ली के सरकारी अस्पताल लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) हॉस्पिटल के MD और सीनियर डॉ. सुरेश कुमार ने किया है। दिल्ली में मिलने वाले ओमिक्रॉन के मरीजों का इलाज इसी हॉस्पिटल में किया जा रहा है। डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, अब तक हमारे हॉस्पिटल में ओमिक्रॉन के 51 मरीजों का इलाज हो चुका है, जिनमें से 40 ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं। हमारे पास आ रहे ज्यादातर मरीज या तो लक्षणरहित हैं या उनमें बेहद हल्का संक्रमण दिखाई दिया है। सभी मरीज ठीक हो रहे हैं और एक भी मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट, स्टेरॉयड्स, रेमडेसिविर या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है।