42 साल पहले चोरी हुई भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की कांस्य प्रतिमाएं भारत को मिलीं वापस

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मुख्यालय, धरोहर भवन, नई दिल्ली में आज आयोजित एक समारोह में तमिलनाडु सरकार की मूर्ति शाखा को भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता की कांस्य मूर्तियां सौंप दी। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, एएसआई और तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इससे पहले, 15 सितंबर 2020 को लंदन में वहां की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने ये कांस्य मूर्तियां भारतीय उच्चायोग को सौंपी थीं। 1958 में किए गए फोटो प्रलेखन के अनुसार, ये मूर्तियाँ तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के आनंदमंगलम स्थित राजगोपाल विष्णु मंदिर (विजयनगर काल में निर्मित मंदिर) की हैं। तमिलनाडु पुलिस की मूर्ति शाखा द्वारा की गयी जांच के अनुसार, ये मूर्तियाँ 23/24 नवंबर 1978 को राजगोपाल विष्णु मंदिर से चुरायी गयी थीं।

भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता की ये कांस्य मूर्तियां भारतीय धातु कला की उत्कृष्ट कृतियां हैं और इनकी लंबाई क्रमश: 90.5 सेमी, 78 सेमी और 74.5 सेमी है। शैली के हिसाब सेये मूर्तियां 13वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं।

मूर्तियां सौंपने के समारोह के दौरान मंत्री ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में 2014 से अब तक विदेश से भारत में कुल 40 पुरावशेष वापस लाए गए हैं, जबकि 2014 से पहले, वर्ष 1976 के बाद से इस तरह के केवल 13 पुरावशेष वापस लाए गए थे।

उन्होंने इन मूर्तियों को देश में लाने की खातिर किए गए निरंतर प्रयासों के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, तमिलनाडु सरकार की विशेष मूर्ति शाखा,राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को बधाई दी।

मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के स्मरणोत्सव समारोह के एक हिस्से के रूप में, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, भारतीय परंपराएं, विरासत एवं संस्कृति, पर्यटन विकास और प्रोत्साहन तथा राष्ट्रीय महत्व से जुड़े अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली एजेंसियों/आवेदकों को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से शुरू होने वाली अवधि, 25 दिसंबर 2020 से 15 अगस्त 2021 तक, के दौरान एएसआईके विभिन्न स्मारकों (विश्व धरोहर स्थलों/प्रतिष्ठित स्थलों को छोड़कर) में शूटिंग/फोटोग्राफी के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी जाएगी। इस तरह की शूटिंग गतिविधियां करने की खातिर आवेदकों/एजेंसियों को मंजूरी पाने के लिए आॅनलाइन आवेदन करना होगा।