हिमाचल प्रदेश में 10 में 8 मंत्री हारे, नए सीएम के लिए मंथन शुरू, भूपेश बघेल चंडीगढ़ पहुंचे

Chhattisgarh Crimes

शिमला। हिमाचल प्रदेश में हार के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने इस्तीफा दे दिया है। चुनाव में जयराम के अलावा दो मंत्री बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए। बाकी आठ मंत्री चुनाव हार गए। कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर अब सरकार बनाने का प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीएम के चयन के लिए मंथन शुरू हो गया है।

हिमाचल के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, चीफ ऑब्जर्वर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। सीएम चयन के लिए शुक्रवार को विधायकों की बैठक बुलाई गई है। फिलहाल जो दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं। प्रतिभा सिंह वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और मंडी लोकसभा से सांसद भी हैं।

हिमाचल प्रदेश में हर बार नई सरकार को मौका देने का रिवाज कायम रहा। सत्ताधारी पार्टी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 का आंकड़ा पार कर 40 सीटें जीती हैं। भाजपा को 2017 के मुकाबले 19 सीटों का नुकसान हुआ है। तीन सीटों पर निर्दलीय विधायक जीतकर आए हैं। आम आदमी पार्टी यहां खाता भी नहीं खोल पाई। हर बार सरकार बदलने के साथ-साथ मंत्रियों के हारने का भी रिकॉर्ड कायम है। इस बार 8 मंत्री हारे हैं। इनमें सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं।

इससे पहले 2017 में वीरभद्र सिंह की कैबिनेट के 5 मंत्री चुनाव हारे थे, जबकि 2012 में प्रेम कुमार धूमल के मंत्रिमंडल के चार मंत्री हारे थे। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए थे, फिर भी उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए थे। इसी तरह 2003 में भाजपा के सीएम प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री नहीं जीत पाए थे।