छत्तीसगढ़ में इस साल धान बेचने साढ़े 21 लाख किसानों का पंजीयन, 90 लाख मीट्रिक टन की होगी खरीदी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल 1 दिसंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी शुरू होगी। सरकार ने इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। राज्य में एमएसपी पर धान बेचने के लिए 17 नवंबर तक 21 लाख 48 हजार 630 किसानों का पंजीयन किया गया है। इनमें वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल पंजीयन कराया था। इनके अलावा नए किसानों का भी पंजीयन किया गया है। राज्य सरकार ने धान खरीदी की तैयारी कर ली है।

रकबा भी बढ़ा ढाई प्रतिशत

राज्य में इस साल करीब ढाई लाख नए किसानों ने एमएसपी पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। नए पंजीयन कराने वालों की कुल संख्या 2 लाख 49 हजार 84 है। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में धान की सर्वाधिक कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल मिलने के कारण किसानों की धान उत्पादन में रुचि बढ़ी है। नए किसानों के सामने आने से प्रदेश में धान का कुल रकबा ढाई प्रतिशत बढ़ा है। प्रदेश में इस साल धान का रकबा बढ़कर 27 लाख 53 हजार 296 हेक्टेयर से भी अधिक है। जानकारों का कहना है, प्रदेश में इस साल करीब सवा लाख करोड़ मीट्रिक टन धान का उत्पादन संभावित है। इसमें से राज्य सरकार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदेगी।

साढ़े 22 हजार करोड़ का धान खरीदा जाएगा

राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने समीक्षा के दौरान धान खरीदी से जुड़ी व्यवस्था पर बातचीत की। इस बैठक में प्रदेश के सभी कलेक्टर, सभी जिला पंचायतों के सीईओ भी शामिल थे। यह समीक्षा बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्रीजी के निर्देशानुसार प्रदेश में किसानों द्वारा उत्पादित धान 1 दिसंबर 2020 से खरीदना है। इस वर्ष 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, जिसकी लागत करीब 22 हजार 500 करोड़ होगी। एमडी मार्कफेड ने बताया कि आज की स्थिति में 42 हजार पीडीएस एवं एक लाख 23 हजार गठान कस्टम मिलर्स के माध्यम से बारदानों की व्यवस्था की जा चुकी है।

चबूतरे भी बनकर तैयार

मुख्य सचिव श्री मंडल ने कहा कि सभी धान उपार्जन केंद्रों में चबूतरा निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण में 4645 चबूतरों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि द्वितीय चरण 2958 स्वीकृत धान संग्रहण चबूतरों में से 1325 निर्मित कर लिए गए हैं। मुख्य सचिव ने शेष चबूतरों का निर्माण 10 दिवस में पूर्ण करने के निर्देश समस्त कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के सीईओ को दिए।