टाइगर रिज़र्व के कोर एरिया से रेत परिवहन करते पकडे गये ट्रेक्टर को अवैध रूप से निर्मुक्त किये जाने की पोल खुलने के डर से कार्यालय में ताला मारकर गायब एसडीओ

डी एफ ओ को घुसने से रोका प्रकरण की मूल नस्ती गायब कर महिलाओ एवं बच्चो को कार्यालय के सामने कर दिया खड़ा

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत बीते दिनो वन विभाग के आला अफसर टैक्टर राजसात प्रकरण पर आमने सामने हो गए तो मामले मे संलिप्त एसडीओ साहब पोल खुलने की डर से अपने कार्यालय को ही ताला जड़कर गायब हो गए वहीं उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के उपनिदेशक की आने की खबर लगते ही बच्चो महिलाओं को आगे कर दिया गया।

Chhattisgarh Crimes

मामला उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के कोर एरिया का है जहाँ अर्सीकन्हार परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 190 से दिनांक 13.10.2023 को अवैध रूप से रेत की तस्करी कर रहे ट्रेक्टर मालिक जीवन लाल नाग एवं अन्य आरोपियों को ट्रेक्टर सहित वनरक्षक एवं परिक्षेत्र सहायक द्वारा रंगे हाथो पकड़ा गया था किन्तु एस.डी.ओ सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र श्री साहू ने दिनांक 06.11.2023 को अवैध आदेश (क्योकि कोर एरिया से पकडे गये वाहन को केवल कोर्ट से ही मुक्त किया जा सकता है एवं आरोपियों को कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान होता है जिसमे राजीनामा का कोई प्रावधान नही होता है ) दिखाते हुए उक्त ट्रेक्टर एवं आरोपियों को 10000 रूपये के राजीनामे पर निर्मुक्त कर दिया गया हैरतंगेज़ बात यह है कि इस आदेश की पृष्ठांकित प्रति न तो उपनिदेशक कार्यालय को दी गयी न ही क्षेत्र निदेशक ( सीसीएफ ) कार्यालय को जो की अपीलीय अधिकारी है को दी गयी।

Chhattisgarh Crimes

जब इस संबंध में उपनिदेशक वरुण जैन को 19 फरवरी को एसडीओ एम आर साहू द्वारा प्रताड़ित किये गये स्टाफ के माध्यम से यह शिकायत प्राप्त हुई कि उक्त ट्रेक्टर प्रकरण में अवैध लेन-देन हुआ है तब उपनिदेशक ने इसकी खोजबीन शुरू की आदेश की प्रति अपने कार्यालय में खोजवाई किन्तु न तो ईमेल में न ही आवक में यह आदेश प्राप्त हुआ था इसके बाद सीसीएफ कार्यालय से भी पता किया गया तो वहां भी यही स्थिति पायी गयी इसके बाद जब रेंजर और सम्बंधित स्टाफ को कारण बताओ सूचना नोटिस दिया गया तब उनके द्वारा बताया गया कि एसडीओ सीतानदी के आदेश पर ट्रेक्टर को निर्मुक्त किया गया एवं आरोपियों से राजीनामा किया गया उपनिदेशक द्वारा की जा रही खोजबीन की सूचना लगते ही एम आर साहू के पाँव तले जमीन खिसक गयी और आनन् फानन में 26.02.2024 को (लगभग 3.5 महीने बाद) सीसीएफ कार्यालय को राजसात प्रकरण की प्रति ईमेल की गयी और प्रथम दृष्टया दिनांक 15.03.2024 को उपनिदेशक कार्यालय की सील को पीडीएफ से क्रॉप कर उक्त आदेश पर लगाकर यह बताया गया कि उक्त आदेश आपके कार्यालय को 21.11.2023 ही प्रदाय किया जा चुका है जिसके उपरांत उप निदेशक के द्वारा एस डी ओ सीतानदी कार्यालय से मूल पावती मांगी गयी तब कोई जवाब नही मिला जिससे फर्जीवाड़े का शक गहरा गया तत्काल ही दल गठन कर एस डी ओ सीतानदी कार्यालय में जाकर डाक रजिस्टर एवं प्रकरण की मूल नस्ती की जांच करने सम्बन्धी आदेश पारित किया गया जिस पर एम आर साहू ने जांच दल को सहयोग प्रदाय करने से मन कर दिया और ऑफिस में ताला मारकर चले गये इसके उपरान्त उपनिदेशक ने उनके ऑफिस पहुँचकर ऑफिस खोलने का आग्रह किया तो वे उग्र हो गये और महिलाओ और बच्च्चो को सामने खड़ा कर दिया और कहने लगे अपने ट्रांसफर आर्डर का इंतजार कर जिस पर उपनिदेशक द्वारा कहा गया कि कार्यालय तो आज खुलकर ही रहेगा एवं डीएफओ द्वारा तत्काल पुलिस अधीक्षक धमतरी आंजनेय वार्ष्णेय (भा. पु. से. ) को लेख कर महिला पुलिस बल मंगवाया और कार्यालय का ताला तोड़कर डाक रजिस्टर से उक्त आदेश क्रमांक का मिलान किया तो ऐसा कोई आदेश उपनिदेशक कार्यालय को प्राप्त ना होना पाया गया जिससे फर्जी सील वाली घटना प्रमाणित हुई जब मूल नस्ती की खोजबीन की गयी तब वह भी गायब मिली जो कि दैनिक श्रमिको द्वारा दिनांक 18.03.2024 को बताया कि एम आर साहू द्वारा अपने आवास पर निरीक्षण के कुछ समय पहले ही ले गये थे ट्रेक्टर को निर्मुक्त करने के लिए जो कारण आदेश में उल्लेखित थे वे भी सत्य से परे थे।

इस संबंध में क्या कहते है उपनिदेशक वरूण जैन

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत अर्सीकन्हार कक्ष क्रमांक 190 से दिनांक 13.10.2023 को अवैध रूप से रेत की तस्करी कर रहे ट्रेक्टर पर एसडीओ द्वारा राजसात की कार्यवाही नही करते हुए 10000 रूपये के राजीनामे पर निर्मुक्त कर दिया गया जिसकी सूचना भी नही दी गई मामले का खुलाशा हुआ तो संबंधित एसडीओं गोलमोल जवाब देने लगे और भारी हंगामा भी किया। उक्त प्रकरण में शासकीय कार्य में बाधा पहुचाने, शासन को वित्तीय नुक्सान पहुचाने एवं आरोपियों को संरक्षण देने सम्बन्धी विभिन्न धाराओ अंतर्गत पीओआर एवं एफआईआर करने की कार्यवाही की जावेगी।