केवड़िया में मोदी बोले – एक हैं तो सेफ हैं को गलत बताया जा रहा, विपक्षियों देश की एकता अखर रही
केवड़िया। सरदार वल्लभभाई पटेल की जंयती पर पीएम मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे। उन्होंने सुबह करीब 7:15 बजे सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली और सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के मौके पर गुजरात के केवड़िया में हैं। एकता दिवस के मौके पर उन्होंने कहा- कभी हम स्कूल-कॉलेज में एकता के गीत गाते थे कि हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग-रूप, भेष-भाषा चाहे अनेक हैं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Sardar Vallabhbhai Patel on his birth anniversary, at the Statue of Unity in Kevadia, Gujarat.
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— ANI (@ANI) October 31, 2024
आज कोई अगर कह दें कि एक हैं तो उसे फेक कहते हैं। अगर कोई कहता है कि एक हैं तो सेफ हैं तो इसे गलत बताते हैं। इन लोगों को देश की एकता अखर रही है। हमें ऐसी प्रवृत्ति से पहले से भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi attends the Unity Day Parade at the Parade Ground in Kevadia, Gujarat. pic.twitter.com/QXJ0i8eotI
— ANI (@ANI) October 31, 2024
PM ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में भी यूनिटी है। इसको बनाने के लिए देश के किसानों के पास से खेत में काम में आने वाले औजारों का लोहा लाया गया, क्योंकि सरदार साहब किसान पुत्र थे।
अपने संबोधन से पहले PM ने सुबह करीब 7:15 बजे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की और एकता दिवस की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने एकता परेड देखी, जिसमें 9 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस, 4 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, NCC और एक मार्चिंग बैंड की 16 मार्चिंग टुकड़ियां शामिल हुईं।
परेड में NSG की हेल मार्च टुकड़ी, BSF और CRPF के महिला और पुरुष बाइकर्स की रैली, BSF के मार्शल आर्ट का शो, स्कूली बच्चों का पाइप बैंड शो, वायुसेना का ‘सूर्य किरण’ फ्लाईपास्ट शामिल हुईं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi administered the Unity oath, on the birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel, in Kevadia, Gujarat.
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— ANI (@ANI) October 31, 2024
PM बोले- हम स्कूल कॉलेज में एकता के गीत गाते थे
कभी हम स्कूल-कॉलेज में एकता के गीत गाते थे- हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग-रूप, भेष-भाषा चाहे अनेक हैं। आज कोई अगर कह दें कि एक हैं तो उसे फेक कहते हैं। अगर कोई कहता है कि एक हैं तो सेफ हैं तो इसे गलत बताते हैं। इन लोगों को देश की एकता अखर रही है। हमें ऐसी प्रवृत्ति से पहले से भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
PM बोले- अर्बन नक्सलियों के गठजोड़ को हमें पहचानना होगा
भारत के भीतर, बाहर अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वे भारत को चोट पहुंचाने में जुटे हैं। वे चाहते हैं कि दुनिया में भारत की गलत छवि उभरे। ये लोग भारत की सेनाओं को टारगेट करने में लगे हैं। मिस इन्फॉर्मेशन कैंपेन चलाए जा रहे हैं। ये लोग जात-पात के नाम विभाजन करने में लगे हैं। इनका एक ही मकसद है, भारत का समाज, एकता कमजोर हो। ये कभी नहीं चाहते कि भारत विकसित हो। क्योंकि कमजोर, गरीब भारत की राजनीति ऐसे लोगों को सूट करती है। 5-5 दशक तक ऐसी राजनीति देश को दुर्बल करते हुए चलाई गई। ये लोग भारत के जन-जन के बीच देश के तोड़ने के काम कर रहे हैं।
अर्बन नक्सलियों के गठजोड़ को हमें पहचानना होगा। आदिवासियों को गुमराह करने वाला नक्सलवाद कमजोर पड़ा तो अर्बन नक्सलवाद बढ़ गया। हमें मुंह पर नकाब पहनने वाले लोगों को पहचानना होगा। आज हालत ये हो गई है कि एकता का बात करना गुनाह बताया जाने लगा है।
PM मोदी बोले- जब अलग-अलग हिस्सों में युद्ध हो रहे हों, तब विकास करना सामान्य नहीं
पीएम मोदी ने कहा- आज भारत के पास दृष्टि दिशा और दृढ़ता है। भारत सशक्त, समावेशी, संवेदनशील और सतर्क है। ऐसा भारत जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है। दुनियाभर में मची उथल-पुथल के बीच विकास करना सामान्य बात नहीं है।
जब अलग-अलग हिस्सों में युद्ध हो रहे हों, तब विकास करना सामान्य नहीं है। जब दुनिया में रिश्तों का संकट है, तब भारत का विश्वबंधु बनकर उभरना सामान्य नहीं है। जब दुनिया के कई देशों में दूरी बढ़ रही है, तब कई देश भारत से निकटता बढ़ा रहे हैं।
दुनिया देख रही है कि भारत कैसे अपने संकटों का दृढ़ता से समाधान कर रहा है। हमें इस महत्वपूर्ण समय पर अपनी एकता को सहेजना और संभालना है।
PM ने कहा- नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है
बीते 10 साल में भारत ने ऐसे कई मुद्धों का समाधान किया है, जिनसे राष्ट्र को खतरा था। आज आतंकियों को पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाया तो भारत छोड़ेगा नहीं।
नॉर्थईस्ट में विश्वास से समझौते किए और सालों का झगड़ा खत्म किया। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा से लंबे समय से चल रही अशांति खत्म की है।
जब 21वीं सदी का इतिहास का लिखा जाएगा, उसमें लिखा जाएगा कि भारत ने दूसरे और तीसरे दशक में भारत ने कैसे नक्सलवाद को उखाड़कर फेंका। याद कीजिए, जब नेपाल के पशुपति से भारत के तिरुपति तक रेड कॉरिडोर बन चुका था। आदिवासी भाई-बहनों ने अंग्रेजों से मुकाबला किया था, उनके बीच नक्सलवाद की आग भड़काई गई।
ये भारत की एकता-अखंडता के लिए चुनौती बन गया था। आज नक्सलवाद भी भारत में अंतिम सांसें गिन रहा है। आदिवासी समाज को सालों से जिस विकास की प्रतीक्षा थी, वह उसके घर पहुंच रहा है।
PM बोले- 70 साल तक बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था।
आज भारत सेक्युलर सिविल कोड की तरफ बढ़ रहा है। इसके मूल में सरदार साहब की बात ही हमारी प्रेरणा है। अलग-अलग वर्गों में जो शिकायत का भाव रहता है, वो दूर होगा। देश एकता का संकल्प सिद्ध करेगा।
आजादी के 7 दशक बाद एक देश, एक संविधान का सपना पूरा हुआ। 70 साल तक बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था। कई लोगों ने संविधान का अपमान हुआ था। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 दीवार बनकर खड़ा था, ये विकास से वंचित रखता था। इसे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में पहली बार मुख्यमंत्री में भारत के संविधान की शपथ ली है। ये भारत के संविधान निर्माताओं को संतोष देता होगा। मैं इसे भारत की एकता के लिए बहुत बड़ा, बहुत ही मजबूत पड़ाव मानता हूं। जम्मू-कश्मीर की जनता ने अलगाव के एजेंडे को खारिज कर दिया है।
PM बोले- वन नेशनल वन इलेक्शन की ओर बढ़ रहे
PM मोदी ने कहा कि बीते 10 साल में भारत ने विविधता में एकता में जीने के हर प्रयास में सफलता पाई है। आज वन नेशन, वन आइडेंटिटी यानी आधार की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। हमने वन नेशन, वन टैक्स सिस्टम बनाया। हमने वन नेशन, वन ग्रिड की संकल्पना पूरी की। हमने आयुष्मान भारत के रूप में वन नेशन, वन इंश्योरेंस की सुविधा देश को दी है। अब हम वन नेशन, वन इलेक्शन पर काम कर रहे हैं। यह भारत के लोकतंत्र को मजबूती देगा। इससे भारत विकास की नई गति औैर समृद्धि प्राप्त करेगा।
मोदी बोले- पहले की सरकारों की नीयत और नीतियों में भेदभाव का भाव था
पहले की सरकारों की नीयत और नीतियों में भेदभाव का भाव भी देश की एकता को कमजोर करता रहा है। बीते 10 साल में देश में सुशासन के नए मॉडल में भेदभाव के भाव की हर गुंजाइश खत्म की। हमने सबका साथ-सबका विकास का रास्ता चुना।
आज हर घर जल योजना से बिना भेदभाव जल पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। आज पीएम किसान सम्मान निधि बिना भेदभाव मिलती है। आज पीएम आवास के घर बिना भेदभाव मिलते हैं। आज आयुष्मान योजना का लाभ बिना भेदभाव मिलता है। सरकार की इस अप्रोच ने समाज-लोगों में व्याप्त असंतोष को समाप्त किया। इससे लोगों का सरकार में भरोसा बढ़ा है। यही एक भारत, श्रेष्ठ भारत को गति दे रही है। हमारी हर नीति और नीयत में एकता हमारी प्राणशक्ति है। इसे देखकर सरदार साहब की आत्मा हमें आशीर्वाद दे रही होगी।
PM ने कहा- आजादी के समय कुछ लोग भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे
PM मोदी ने कहा- जब भारत को आजादी मिली थी, तब दुनिया में कुछ लोग थे जो भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे। उन्हें जरा भी उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को जोड़ कर एक भारत का निर्माण हो पाएगा, लेकिन सरदार साहब ने ये करके दिखाया। ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब व्यवहार में यथार्थवादी, संकल्प में सत्यवादी, कार्य में मानवतावादी और ध्येय में राष्ट्रवादी थे।
मोदी बोले- आज सरदार पटेल की150वीं जयंती शुरू हो रही है
दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से जोड़ रहा है। अनेक देशों में इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। मैं देश और दुनिया में बसे भारतीयों और शुभचिंतकों को दीपावली की अनेकानेक शुभकामनाएं देता हूं।
इस बार का एकता दिवस एक और वजह से विशेष है। आज से सरदार पटेल की150वीं जयंती शुरू हो रही है। देश ये उत्सव मनाएगा। ये उनके असाधारण योगदान के प्रति कार्यांजलि है। ये हमारे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संकल्प को मजबूती देगा।
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
सरदार पटेल की यह प्रतिमा (182 मीटर) दुनिया में सबसे ऊंची है। 2010 में मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री इसे स्थापित करने का ऐलान किया था। 31 अक्टूबर 2013 से प्रतिमा का निर्माण शुरू हुआ, जो पांच साल बाद यानी कि 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पूरा हुआ। प्रतिमा का उद्घाटन PM नरेंद्र मोदी ने किया था।
109 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया
इस प्रतिमा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए देश भर के पांच लाख से अधिक किसानों के पास से 135 मीट्रिक टन खेती-किसानी के पुराने औजार दान में लिए गए, जिन्हें गलाकर 109 टन लोहा तैयार किया गया। इसी लोहे का उपयोग इस प्रतिमा में किया गया है।
6 हजार टन स्ट्रक्चरल स्टील से बनी है प्रतिमा
इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई। इसमें 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कंक्रीट और 2000 टन कांसे, 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया है। यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब के बीचों-बीच बनी है।
प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है। प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग होने से हजारों साल तक इसमें जंग नहीं लग सकती। प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम और विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं।