चिंतन शिविर में पड़ोसी की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पैसा जुटाने को खड़ी रही महिला कार्यकर्ता; किसी ने एक रुपए भी नहीं दिया

Chhattisgarh Crimes

जगदलपुर। बस्तर में BJP के चिंतन शिविर के आखिरी दिन कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। जगदलपुर के कृष्णा गार्डन में भाजपा के राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर तक के बड़े नेता सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। बड़े से हॉल में 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने की योजनाएं बन रही थीं। लेकिन, इस बीच भाजपा की ही एक महिला कार्यकर्ता और पूर्व नगर मंत्री सुधारानी हाथों में एक बॉक्स लिए गेट पर चंदा मांगने खड़ी हुई थीं। सुधारानी यह चंदा अपने पड़ोस में रहने वाले एक युवक के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मांग रही थी, पर अफसोस की बात ये रही कि इतने बड़ी कार्यक्रम में भी उनकी किसी ने एक रुपए की भी मदद नहीं की।

युवक की दोनों किडनी हुई फेल

जगदलपुर के गुंडाधुर वार्ड के डोंगरीपारा में रहने वाले बी देव कृष्ण (32) की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। जब वे 22 साल के थे उस समय उनकी एक किडनी फेल हुई थी और अब कुछ दिन पहले दूसरी किडनी भी फेल हो गई है। बी देव कृष्ण विशाखापट्टनम के निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इनके इलाज के लिए लगभग 15 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च है। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है इसलिए पैसों का बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है। बी देव कृष्ण के दो छोटे बच्चे भी हैं, इसलिए सुधारानी ने बी देव की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। बी देव और उनका परिवार जगदलपुर में ही एक सैलून चलाता है।

अपने बेटे को तड़पता देख उनके पिता वेंकट रमन उन्हें अपनी एक किडनी दे रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 15 लाख रुपए से ज्यादा की रकम लग रही है। अब तक 4 से 5 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। पिता ने कहा कि मैं अपने बेटे को तड़पता नहीं देख सकता, इसलिए उसे अपनी किडनी देने का निर्णय लिया है। परिजन ने बताया है कि बी देव को बचपन में ही पेशाब करने में दिक्कत शुरू हुई थी। इसके बाद उपचार करवाया गया, तब वो कुछ समय के लिए ठीक था। कुछ समय बाद ये समस्या शुरू हो गई और यही समस्या किडनी तक फैल गई। इस कारण 22 साल की ही उम्र में बी देव की एक किडनी खराब हो गई थी।

पार्टी के नेताओं से पहले भी मिल चुकी सुधारानी भाजपा का यह सम्मेलन लगभग 4 घंटे तक चलता रहा। जब तक कार्यक्रम चला सुधारानी मुख्य गेट पर ही खड़ी मदद मांगती रहीं, लेकिन किसी ने उन पर ध्यान तक नहीं दिया।