
लखनऊ। लखीमपुर खीरी में रविवार दोपहर बाद हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है। यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में लिखा गया है। लखीमपुर खीरी में रविवार को किसान आंदोलन के बीच भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, सोमवार सुबह एक पत्रकार का शव भी बरामद हुआ है। इसको मिलाकर अब तक मरने वालों की संख्या 9 हो गई है।
इधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने विपक्ष के नेताओं को लखीमपुर खीरी पहुंचने से रोकने के लिए उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया है। इनमें अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश मिश्रा, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा और शिवपाल यादव शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस सुबह ही हिरासत में ले चुकी है। इस बीच, लखनऊ में भी हिंसा शुरू हो गई। भीड़ ने पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया।
टिकैत बोले- मंत्री की बर्खास्तगी तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं

इधर, लखीमपुर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि जब तक मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त नहीं किया जाता है। उनके बेटे की गिरफ्तारी नहीं होती है। मृतक किसानों के शवों का अंतिम संस्कार नहीं होगा। इधर, घटनास्थल पर किसान जुटने लगे हैं। यहां किसानों की संख्या दो हजार हो गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने दंगा नियंत्रण की 3 गाड़ियां मंगाई है।
उधर, रविवार रात को मंत्री अजय मिश्र ने कहा था कि घटनास्थल पर उनका बेटा मौजूद ही नहीं था। प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच घुसे कुछ शरारती तत्वों ने BJP के 3 कार्यकर्ताओं और उनके काफिले की एक गाड़ी के ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डाला।