BSF कैंप के पास ब्लास्ट, कुत्ते की मौत, नक्सलियों ने फिर किया प्रेशर बम का इस्तेमाल, 3 बमों को जोड़कर बनाया था सर्किट

Chhattisgarh Crimes

​​​​​​​कांकेर। कांकेर में BSF कैंप के पास नक्सलियों ने प्रेशर बम ब्लास्ट किया। जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए इस बम की चपेट में आकर एक कुत्ते के चीथड़े उड़ गए। धमाके की आवाज सुनकर जवानों ने सर्चिंग शुरू की तो तीन बमों के अवशेष मिले हैं। इन बमों को आपस में जोड़कर सर्किट की तरह इस्तेमाल किया गया था। जिससे तीनों एक साथ ब्लास्ट। बताया जा रहा है कि कई सालों बाद नक्सलियों ने प्रेशर बम का इस्तेमाल किया है।

तीन प्रेशर बम प्लांट किया था। इनमें एक पाइप में और दो प्रेशर कुकर में थे। बमों को आपस में जोड़कर सर्किट की तरह इस्तेमाल किया गया था।

पखांजूर के ग्राम कटगांव में BSF की 157 बटालियन कैंप से डेढ़ किमी दूर नक्सलियों ने तीन प्रेशर बम प्लांट किया था। इनमें एक पाइप में और दो प्रेशर कुकर में थे। इन बमों को एक-दूसरे से इस तरह से जोड़ा गया था कि किसी एक में विस्फोट हो तो तीनों की ब्लास्ट हो जाएं। अगर जवान इसकी चपेट में आते तो बड़ा नुकसान हो सकता था। बताया जा रहा है कि बम की चपेट में एक कुत्ता आ गया। उसका पैर पड़ने से धमाका हुआ और मौत हो गई।

सड़क से 100 मीटर अंदर लगाया था बम

धमाका इतनी तेज था कि उसकी आवाज डेढ़ किमी दूर कटगांव कैंप तक सुनाई दी। देर रात हुए धमाके की आवाज पर जवानों ने तड़के सर्चिंग की तो उन्हें कुत्ते का शव मिला। उसके शरीर में छर्रे और लोहे टुकड़े धंस गए थे। नक्सलियों ने यह प्रेशर बम महला कैंप की ओर जाने वाली सड़क से करीब 100 मीटर अंदर लगाया था। BSF जवान सड़क छोड़ कर करीब 50 से 100 मीटर अंदर ही गश्त करते हैं। यही कारण है की बमों को वहां प्लांट किया गया।

जांच में सामने आया है कि नक्सलियों ने एक सप्ताह पहले ही बम लगाया था। नक्सलियों ने दोनों कुकर बम को जमीन में गाड़ दिया था, लेकिन पाइप बम को नाली नुमा गड्‌ढे में इस तरह लगाया गया था कि विस्फोट होने पर निकलने वाले छर्रों से जवानों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचे। नक्सलियों ने लंबे समय बाद प्रेशर बम का उपयोग किया है। आम लोग और जानवरों के चपेट में आने के चलते उन्होंने इसे बंद कर दिया था और रिमोट IED का इस्तेमाल करने लगे थे।