सावन के आखिरी सोमवार पर बन रहा गजब का संयोग, शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस मुहूर्त में करें पूजा

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आज (28 अगस्त) को सावन का आठवां और आखिरी सोमवार है। इस दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत किया जाता है और उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शिव भक्ति के लिए समर्पित है, लेकिन शास्त्रों में सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। कहते हैं सावन के सोमवार के दिन जो कन्याएं व्रत रख भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं, उनको सुयोग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाहित महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए, उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए और उनके सुख समृद्धि के लिए भी सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। साथ ही पुरुष भी इस व्रत को कर सकते हैं।

सावन सोमवार का क्यों है इतना महत्व

दरअसल, सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है, जो कि मन का कारक है और चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजित है। लिहाजा भगवान शिव स्वयं अपने भक्तों के मन को नियंत्रित करते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं और यही वजह है कि सावन महीने में सोमवार के दिन का इतना महत्व है।

आखिरी सोमवार पर बन रहा कई शुभ संयोग

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की आखरी सोमवारी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन प्रदोष व्रत, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है।

आठवां और आखिरी सावन सोमवार 2023 का शुभ मुहूर्त

सुबह का मुहूर्त – सुबह 09 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त – शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 02 मिनट तक

आखिरी सोमवार की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें।
उसके बाद शिवलिंग और भगवान शिव को गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
शिवजी को सफेद फूल अर्पित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी चढ़ाएं।
अब भोलेनाथ को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं।
उसके बाद शिवजी की आरती करें।
पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं।
इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें।