रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के चुनावी रणनीतिकार अमित शाह रायपुर आ रहे हैं। 22 जुलाई शनिवार को शाह छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं की हाई लेवल मीटिंग लेंगे। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत संगठन के महामंत्री, संभाग के प्रभारियों को बैठक में शामिल होने की तैयारी करने कहा गया है।
शाह के सवाल होंगे और जवाब स्थानीय नेताओं को देने हैं। खबर है कि एक प्राइवेट सर्वे एजेंसी के कुछ लोग भी शाह के साथ होंगे। छत्तीसगढ़ की विधानसभा सीटों पर भाजपा की स्थिति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के एक सर्वे पूरा होने की चर्चा है। खबर ये भी है कि उस सर्वे में भाजपा की हालत पतली दिखी है। इस वजह से केंद्रीय नेतृत्व भी टेंशन में है।
भाजपा 2023 के चुनाव को हर हाल में जीतने का प्रयास कर रही है। यही वजह है कि अमित शाह एक बार फिर रायपुर आ रहे हैं। इसी महीने 5 जुलाई को शाह ने रायपुर में रात बिताई और नेताओं की बैठक ली थी। तब शाह छत्तीसगढ़ भाजपा की परफॉर्मेस से संतुष्ट नहीं दिखे थे। ओम माथुर और नितिन नबीन से उन्होंने आंतरिक रिपोर्ट मांगी थी, मुमकिन है कि शनिवार को वो इस रिपोर्ट का अपडेट लेंगे।
दो दिन पहले दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर की डेढ़ घंटे बंद कमरे में बैठक हुई थी। नड्डा ने छत्तीसगढ़ प्रदेश की भाजपा के हालातों पर रिपोर्ट माथुर से ली। भाजपा के गुटों, सक्रिय, निष्क्रिय नेताओं, चुनावी एक्शन प्लान पर डिटेल बात-चीत हुई है।
पूरे प्रदेश में आंदोलन की भी तैयारी
प्रदेश भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय कांग्रेस विधायकों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बना रही है। इसे लेकर भी अमित शाह से चर्चा होगी। भाजपा इस आंदोलन के जरिए प्रयास कर रही है, मौजूदा विधायकों के प्रति जनता के बीच माहौल तैयार किया जाए, ताकि सियासी तौर पर फायदा भाजपा को हो सके।
चुनाव घोषणा पत्र को लेकर चर्चा
अमित शाह के साथ बैठक में सबसे अहम मुद्दा होगा चुनावी घोषणा पत्र। किसानों को रिझाने, यूथ और महिलाओं को अपनी ओर लाने के लिए भाजपा माथापच्ची कर रही है। अमित शाह भी कुछ टिप्स देंगे ताकि चुनाव में भाजपा वोटर्स को अपनी ओर कनेक्ट कर सके। अचानक प्रदेश में भाजपा सक्रिय तो हुई है, मगर अब भी वोटर भाजपा के साथ जाते नहीं दिख रहे। इसे कैसे ठीक किया जाए, शाह अपने इनपुट छत्तीसगढ़ के नेताओं को देंगे।