बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी बेहतर होंगी कि लोग इलाज कराने यहां आएंगे : भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने जगदलपुर के महारानी अस्पताल में कराये गए नवीनीकरण कार्यों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया लोकार्पण-भूमिपूजन

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार अपने रायपुर निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर स्थित महारानी अस्पताल में 07 करोड़ 27 लाख रूपए की लागत से कराए गए नवीन कार्यों का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के लोगों का महारानी अस्पताल से भावनात्मक लगाव है। नई सरकार महारानी अस्पताल को इस क्षेत्र के सर्वसुविधा सम्पन्न अस्पताल के रूप में विकसित करने का काम कर रही है। महारानी जिला अस्पताल की सुविधाएं देश के किसी भी जिला अस्पताल से कम नहीं है। अभी बस्तर के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। राज्य सरकार यहां अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है, जिससे बाहर के लोग भी बस्तर आकर अपना इलाज करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए डॉक्टरों की कमी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने महारानी अस्पताल में 01 करोड़ रूपए की लागत से मातृ-शिशु स्वास्थ्य संस्थान कादम्बिनी में कराए गए उन्नयन कार्य और 04 करोड़ 58 लाख रूपए की लागत से महारानी अस्पताल में मातृ-शिशु पैथोलॉजी लैब, ब्लड बैक एवं डायलिसिस के लिए आवश्यक उपकरण का लोकार्पण किया।

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इसी तरह उन्होंने महारानी अस्पताल में लगभग 50 लाख रूपए की लागत से नेत्र वार्ड के नवीनीकरण, लगभग 49 लाख रूपए की लागत से अस्पताल के द्वितीय तल परिवर्धन के कार्य और 50 लाख रूपए की लागत से वर्तमान ओपीडी-एमसीएच के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। श्री बघेल ने कार्यक्रम में क्षेत्र के विकास के लिए सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेलकूद की अधोसंरचना विकसित करने के लिए 244 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत के 61 निर्माण कार्यो का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने इनमें से 22 करोड़ 87 लाख रूपए की लागत के 11 कार्यो का लोकार्पण और 221 करोड़ 38 लाख रूपए की लागत के कार्यो का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से बस्तर में लघु वनोपजों के वेल्यू एडिशन का अच्छा कार्य किया जा रहा है। बकावण्ड स्थित काजू प्रसंस्करण के फिर से शुरू होने से काजू प्रसंस्करण से जुड़ी महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के जैसे ही इस साल भी मलेरिया उन्मूलन और उल्टी, दस्त की रोकथाम के लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। उन्होंने मलेरिया मुक्त अभियान और कुपोषण के खिलाफ अभियान में सफलता के लिए जिला प्रशासन को बधाई दी। एनआईसी द्वारा बस्तर क्षेत्र में पहली बार डिजिटल प्लेटफार्म पर वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग के माध्यम से ग्रामीणों से चर्चा करायी गई।