रायपुर। छत्तीसगढ़ के संविदाकर्मियों पर अब एक्शन शुरू हो चुका है। सरकार ने तीन दिन में काम पर नहीं लौटने की सूरत में कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अब 211 कर्मचारियों को एक साथ बर्खास्त किया गया है।
नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर राजेन्द्र काटारा ने ये आदेश जारी किया है, संविदाकर्मी नियमतीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से हड़ताल पर हैं।
इस कार्रवाई का संविदा कर्मियों के संगठन ने विरोध किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा, कांग्रेस और खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, नियमितिकरण की मांग पूरा करेंगे। हम संवाद करना चाहते थे। संवाद न होने की वजह से लगातार हमारा आंदोलन जारी रहा।
संवाद के स्थान पर अब सामूहिक बर्खास्त कर दिया गया। हम ये कहते हैं कि लोकतंत्र में संवाद की जगह होती है। दमन पूर्ण कार्रवाई का स्थान नहीं है। आंदोलन को हम जारी रखेंगे। सरकार ने जो कार्रवाई की इससे यही संदेश जाता है कि नियमितीकरण पर सरकार का अब भी लचीला रवैया है।
पिछले सप्ताह जारी हुआ था आदेश
नवा रायपुर में नियमितिकरण की मांग को लेकर पिछले 28 दिनों से संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। इन सभी ने सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है। संविदा कर्मचारियों की प्रदेश में संख्या 45 हजार है। इन सभी कर्मचारियों पर सरकार ने कार्रवाई का ऐलान किया था।
पिछले सप्ताह सरकार की ओर से संविदा कर्मचारियों के संबंध में एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें लिखा गया था कि 3 दिन के भीतर अगर हड़ताल पर गए संविदा कर्मचारी और अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी।