भाजपा का सवाल : अवैध कारोबारियों से अधिकारी ही सुरक्षित नहीं, तो नागरिक सुरक्षा और बेहतर क़ानून-व्यवस्था के दावे क्यों?

Chhattisgarh Crimes

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने तीखा हमला बोला, कहा- बढ़ते अपराध प्रमाणित कर रहे हैं कि पिछले दो वर्ष से प्रदेश एक ग़ैर-ज़िम्मेदार सरकार का बोझ ढोने के लिए विवश है

हालात इतने भयावह हो चले हैं कि मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री के गृह ज़िले में ही लगातार अपराध बढ़ रहे और गृह मंत्री स्मार्ट पुलिसिंग की जुगाली में ही मशगूल हैं!

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश की राजधानी समेत दीग़र शहरों में लगातार बढ़ रहीं आपराधिक वारदातों के मद्देनज़र प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल दागा है और कहा है कि जब राजधानी में अवैध कारोबारियों के हाथों अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है, तो फिर प्रदेश सरकार नागरिक सुरक्षा और बेहतर क़ानून-व्यवस्था के दावे किस आधार पर कर रही है? श्री साय ने कहा कि लगातार ध्यान दिलाए जाने के बावज़ूद प्रदेश सरकार मासूम बच्चियों, नाबालिग युवतियों, महिलाओं के साथ अनाचार-दुष्कर्म के मामलों पर अंकुश लगाने में नाकारा साबित हो रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेशभर में अपराधियों और अवैध कारोबारियों के हौसले अब इतने बढ़ चले हैं कि वे सरेआम गुंडागर्दी करके क़ानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। राजधानी के संतोषीनगर स्थित अंग्रेजी-देशी शराब दुकान के पास एक अहाता के अवैध संचालन को बंद कराने पहुँची आबकारी टीम पर किए गए हमले का ज़िक्र करते हुए  साय ने कहा कि यह घटना बताती है कि प्रदेश सरकार की कुनीतियों ने शराब के कारोबार को गोरखधंधे की शक्ल देने में कोई क़सर बाकी नहीं रखी है और माफियाओं ने इसे अपराधों का ज़रिया बना रखा है। शराब माफियाओं ने राजधानी समेत प्रदेश के अमूमन तमाम नगरों में शराब दुकानों के पास अवैध अहातों का संचालन शुरू कर दिया है और इसकी जाँच व इन्हें रोकने की कार्रवाई पर ये माफिया हिंसक अपराध पर उतर जाते हैं। राजधानी में आबकारी अधिकारी पर हुए हमले की यह घटना इस बात की तस्दीक करती है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  साय ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार बेहतर क़ानून-व्यवस्था के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर रोज घट रहीं आपराधिक घटनाएँ सरकारी दावों की पोल खोल रही है। भयमुक्त और अपराधमुक्त प्रदेश गढ़ने के दावे करने वाली प्रदेश सरकार ने प्रदेश को अपराधों का गढ़ बनाकर रख दिया है। प्रदेश सरकार न तो मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं की आबरू और ज़िंदग़ी सुरक्षित रख पा रही है, न अपने अधिकारियों को सुरक्षा दे पा रही है और न ही अपराधों पर अंकुश लगा पा रही है। अपहरण, दुष्कर्म, लूट, चोरी, मारपीट, डकैती, हत्या के अलावा संगठित अपराधों की लपटों में प्रदेश जल रहा है और प्रदेश सरकार राजनीतिक नौटंकियों में मशगूल चैन की बंसी बजा रही है। स्मार्ट पुलिसिंग की जुगाली करते प्रदेश के गृह मंत्री को अब भी अगर यह महसूस नहीं हो रहा है कि प्रदेश के हालात गंभीर हो चले हैं तो बेहद शर्मनाक स्थिति है। हालात इतने भयावह हो चले हैं कि मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री के गृह ज़िले में ही लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। दुर्ग ज़िले की नेवई बस्ती में 25 फ़रवरी को एक नाबालिग किशोरी के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की वारदात का हवाला देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  साय ने कहा कि इन घटनाओं ने प्रमाणित कर दिया है कि पिछले दो वर्ष से प्रदेश एक ग़ैर-ज़िम्मेदार सरकार का बोझ ढोने के लिए विवश है।