जुलाई माह में निगम ने 48 व्यवसायियों को नोटिस दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक नाले के ऊपर अवैध रूप से भवन ढांचे निर्माण करने के कारण वर्षा जल की निकासी बाधित होने और अतिक्रमण के कारण नाली की चौड़ाई एवं गहराई प्रभावित होती है।
इससे बारिश होने पर जल भराव की समस्या आती है। यह नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 243 एवं 293 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
3 दिन के भीतर मांगा गया था जवाब ऐसे उल्लंघन पर अधिनियम की धारा 244 एवं 307 के तहत कार्रवाई की किए जाने की बात कही गई थी। नोटिस जारी होने के तीन दिनों के भीतर नाले में किए गए निर्माण से संबंधित अनुमति पत्र कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे।
निर्धारित समय अवधि में कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर बिना अनुमति के अवैध रूप से उक्त निर्माण माना जाने की बात कहते हुए निर्माण को हटाने की कार्रवाई किए जाने की बात कही गई थी।
नोटिस का नहीं असर इसके बाद भी नगर निगम के नोटिस का कोई असर नहीं हुआ। निगम के नोटिस का समय पूरा होने के बाद भी अब तक ओवर ब्रिज से लेकर सुभाष चौक तक निर्माण वैसा ही है।
ऐसे में अगर फिर से तेज बारिश होती है तो एक बार फिर से नालियों का पानी सड़क पर बहने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
आने वाले दिनों में होगी कार्रवाई इस संबंध में नगर निगम आयुक्त ब्रजेश सिंह क्षत्रिय ने बताया कि अभी शहर के अन्य नालियों को लेकर काम किया जा रहा है। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए ओवर ब्रिज से सुभाष चौक की नालियों पर भी काम होना है। इस दौरान नालियों के उपर अवैध निर्माण पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।