चार दिन बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत माना की टीम उस पागल कुत्ते को पकड़ नहीं पाई है। दैनिक भास्कर टीम ने घटना की जानकारी पर माना इलाके का निरीक्षण किया। यहां बाजार क्षेत्र में डॉग खुलेआम कच्चे मांस और मछली खाते नजर आए। डॉक्टरों के मुताबिक, यही वजह है कि कुत्ते और ज्यादा एग्रेसिव हो रहे हैं।
रोजाना 10 से 12 डॉग बाइट केस
माना सिविल अस्पताल के डॉक्टर केवल कांत ने बताया कि रोजाना डॉग बाइट के मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। आमतौर पर डॉग बाइट के 10 से 12 केस रोजाना आते हैं, लेकिन मंगलवार को स्थिति इमरजेंसी जैसी हो गई थी।
माना में कुत्तों से 24 घायल
अस्पताल में हर एक घंटे में डॉग बाइट के शिकार मरीज एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे थे, और धीरे-धीरे यह संख्या कुल 24 तक पहुंच गई। डॉक्टर ने बताया कि कुछ मरीजों ऐसे भी आए थे, जिनके घाव बहुत गहरे थे। डॉ. केवल कांत के अनुसार, मानसून के मौसम में कुत्ते आमतौर पर ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। साथ ही माना इलाके के नॉनवेज मार्केट में मांस-मछली की उपलब्धता भी उन्हें और अधिक हिंसक बना रही है।
पागल कुत्ता गांव से होकर माना आया
मान नगर पंचायत के सीएमओ समीर बाजपेयी ने बताया कि पागल कुत्ता पहले टेमरी, बनरसी, माना बस्ती और माना कैंप जैसे गांवों में घुसा और कई लोगों को काटने के बाद माना पहुंचा। यहां भी उसने कई लोगों को घायल किया और फिर आगे बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि कुत्ते को पकड़ने के लिए हमने टीम लगाई गई थी, लेकिन अब वह कुत्ता माना और आसपास के गांवों से बाहर निकल चुका है। बाजपेयी ने दावा किया कि बाजारों से निकलने वाले नॉनवेज वेस्ट को गड्ढा खोदकर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
रायपुर में तीन साल में 51 हजार से ज्यादा डॉग बाइट के मामले
रायपुर में डॉग रोज 57 लोगों को काट रहे हैं। सड़कों-गलियों में मौजूद आवारा और बेसहारा कुत्ते लोगों की परेशानियां बढ़ा रहे हैं। सरकार विधानसभा में बता चुकी है कि रायपुर जिले में पिछले तीन वर्षों में 51,730 मामले कुत्तों के काटने के दर्ज किए गए।