जानकारी के मुताबिक, दोपहर 12 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा था, प्रदेश में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं पर काबू पाना। डीजीपी गौतम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने साफ कहा कि हर रेंज में पुलिस की मौजूदगी जनता को महसूस होनी चाहिए।
जनता के बीच उपस्थिति दर्ज कराए राजपत्रित अधिकारी
डीजीपी बैठक में मौजूद अफसरों के अनुसार निर्देश दिया गया कि राजपत्रित अधिकारी भी नियमित रूप से फील्ड में उतरें और जनता के बीच उपस्थिति दर्ज कराएं। इसके साथ ही बिना परमिट चलने वाली गाड़ियों पर सख्त कार्रवाई करने, नशे के कारोबार और नशे में शामिल युवाओं पर भी विशेष अभियान चलाने के आदेश दिया गया है।
हाईकोर्ट के संज्ञान और इन घटनाओं के बाद एक्शन
पिछले दिनों धमतरी में हुई चाकूबाजी की घटना ने प्रदेश को हिला दिया था, जिसमें रायपुर के तीन युवकों की मौत हो गई थी। इसके अलावा अन्य जिलों से भी ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट मिलने से पुलिस महकमे की चिंता बढ़ गई है। हाल ही में हाईकोर्ट ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई थी।
बिलासपुर एसपी, बिलासपुर रेंज आईजी, डीजीपी, होम सेक्रेटरी और मुख्य सचिव से व्यक्तिगत एफिडेविट मांगा है कि प्रदेश में चाकूबाजी रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। डीजीपी की इस इमरजेंसी मीटिंग के बाद साफ संकेत मिल रहे हैं कि पुलिस अब आक्रामक मोड पर काम करेगी। चाकूबाजी रोकने के लिए कड़े अभियान चलाए जाएंगे।