घटना रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले में दो दिनों से हो रही भारी बारिश के बीच पहले से भरा हुआ लुत्तीसढ़सा का बांध लबालब भर गया। यह मिट्टी का बांध है, जो साल 1981 में बनाया गया था। ओवर फ्लो होने के कारण रात करीब 11 बजे से 11.30 बजे के बीच मेड टूटने लगी।
निचले इलाके में भरा पानी, बहे ग्रामीण
बांध टूटने के कारण एकाएक बांध का पानी निचले इलाके में पहुंच गया। इसकी चपेट में निचले इलाके के चार घर बाढ़ की चपेट में आ गए। इन घरों में रहने वाले 8 ग्रामीण बाढ़ में बह गए। घटना की सूचना ग्रामीणों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव को दी।
उन्होंने कलेक्टर और एसपी को हादसे की जानकारी दी। धीरज सिंहदेव करीब 12.30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। देर रात कलेक्टर राजेंद्र कटारा और एसपी वैभव बैंकर सहित प्रशासनिक अधिकारी, रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
दो ग्रामीणों का शव मिला, बाकी की तलाश जारी
बांध के निचले इलाके में रहने वाले रामवृक्ष खैरबार, उसकी पत्नी बतसिया (60), बेटा गणेश खैरबार, बहू रजंती (26), दूसरी बहू, सहित रजंती के दो बच्चे बाढ़ में बह गए। इसमें बतसिया और रजंती का शव झाड़ियों में फंसा मिला।बाढ़ में बहे रामवृक्ष खैरबार किसी तरह बच निकला। वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। बाढ़ में बहे गणेश खैरबार, उसकी भाभी और दो बच्चों का पता नहीं चल सका है। एक अन्य ग्रामीण भी बाढ़ में बह गया है। तीन ग्रामीणों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
सैकड़ों लोग खोजबीन में जुटे जहां बांध बहा है, वहां से कन्हर नदी की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। बाढ़ में बहे लाेगाें की खोजबीन में सैकड़ों लोग जुटे हैं। अब तक लापता लोगों का पता नहीं चला है। अन्य ग्रामीणों के घर बहे, लेकिन इनके सदस्य बच गए।
बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ में लगी धान और टमाटर सहित अन्य फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों के कई मवेशी भी बह गए हैं। कुछ की खूंटे में बंधी हालत में मौत हो गई।
कई बांध लबालब, प्रशासन ने किया सतर्क
बलरामपुर जिले में इस साल औसत से 59 प्रतिशत अधिक बारिश रिकार्ड की गई है। इसके कारण जिले के सभी बांध लबालब भर गए हैं और नदी, नाले भी उफान पर हैं। इसे देखते हुए पुराने बांध के नीचे रहने वालों को सतर्क भी किया गया है।