दरअसल, डॉक्टर प्रवेश शुक्ला को 11 जुलाई 2023 को दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रायपुर में गैस्ट्रो एंटरोलॉजी विभाग में संविदा पर सर्जन नियुक्त किया गया था। 8 जून 2024 को उन्होंने विचाराधीन आरोपी अनवर ढेबर को जिला अस्पताल रायपुर रेफर कर दिया था।
डॉक्टर को जारी हुआ था नोटिस
इस मामले में डॉक्टर शुक्ला को 1 जुलाई 2024 को कारण बताओ नोटिस दिया गया। नोटिस में आरोप लगाया गया कि जब अस्पताल में जीआई एंडोस्कोपी उपकरण उपलब्ध था, तब भी उन्होंने मरीज को रेफर कर दिया।
डॉक्टर शुक्ला ने अपने जवाब में कहा कि वयस्क कोलोनोस्कोपी अन्य एंडोस्कोपी से अलग होती है। उन्होंने मरीज को एम्स रायपुर से गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी की मेडिकल राय और कोलोनोस्कोपी करवाने की सलाह दी थी।
हाईकोर्ट ने एफआईआर को किया रद्द
8 अगस्त 2024 को डॉक्टर शुक्ला को डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से सहायक प्राध्यापक के पद से हटा दिया गया। साथ ही गोल बाजार पुलिस स्टेशन रायपुर में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने अब इस एफआईआर को रद्द कर दिया है।
आरटीआई में हुआ खुलासा, 7 माह से नहीं हुआ कोलोनोस्कोपी टेस्ट
याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार, के तहत अस्पताल से जानकारी मांगी, जिसमें बताया गया कि कोलोनोस्कोपी (लोअर जीआई एंडोस्कोपी) उपकरण वर्ष 2022 से आज तक काम करने की स्थिति में नहीं है। विभागाध्यक्ष ने यह भी बताया कि 1 जनवरी 2024 से 31 अगस्त 2024 तक कोई वयस्क कोलोनोस्कोपी परीक्षण नहीं किया गया है।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने एंडोस्कोपी से संबंधित दस्तावेज़ और जनवरी 2024 से अगस्त 2024 तक प्रासंगिक समय पर किए गए रोगियों के उपचारों की संख्या प्राप्त की, जो स्वयं दर्शाता है कि अस्पताल में लोअर जीआई एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) से संबंधित एक भी उपचार नहीं किया गया है।