आरोपी विष्णु ने पुलिस को बताया कि कुछ सालों से उसके बच्चों की तबीयत बार-बार खराब होने पर वो परेशान और मानसिक तनाव में था। बच्चों को लेकर डॉक्टर के पास इलाज कराया। साथ ही वैद्य से भी इलाज करा रहा था। इसके बाद भी राहत नहीं मिली, तब वो झाड़-फूंक कराने बैगाओं का चक्कर काटने लगा। इसी दौरान किसी बैगा ने उससे कहा कि तुम्हारे बच्चों पर किसी ने जादू टोना किया है। इसी के कारण वे बार-बार बीमार पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं उसने कहा कि जादू टोना करने वाला तुम्हारे परिवार का ही सदस्य है। विष्णु उसकी बातों में आ गया और उसने जादू टोना करने वाले का नाम पूछा। बैगा ने पहले तो उसे नाम बताने की बजाय टाल दिया। इसके बाद भी विष्णु बार-बार उसके पास जाकर जादू-टोना करने वाले का नाम पूछता रहा। बार-बार पूछे जाने पर बैगा ने बताया कि उसकी मां ही उसके चच्चों पर जादू-टोना कर रही है। विष्णु को जब बैगा ने बताया कि उसकी मां ने ही उसके बच्चों पर जादू-टोना किया है, जिसके कारण ये बीमार रहते हैं तो वह अपनी मां को जादू-टोना करने से मना किया। लेकिन, उसने इस तरह जानू-टोना करने से साफ मना कर दी।