फिर बंधक बना लिया गया। मोबाइल छीन लिए गए, घर वालों से बात नहीं करने दी गई और आधी रात को लड़कों को सोशल मीडिया के जरिए फंसाने का दबाव बनाया गया। ये करने कंपनी की 5- 10 लड़कियां इन पर दबाव बनाती हैं। इनकी प्रताड़ना से तंग आकर भानुप्रतापपुर की लड़की सुसाइड करने जा रही थी। लेकिन बाकी लड़कियों ने उसे रोक लिया। हालांकि, इस मामले में पीड़िताओं की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ऐसे हुआ मामले का खुलासा?
दरअसल, भानुप्रतापपुर में रहने वाली लड़की ने किसी तरह इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी। उन्होंने कांकेर के रहने वाले आरएसएस कार्यकर्ता रवींद्र जैन को इसकी जानकारी दी। उन्होंने दुर्ग के बजरंग दल के प्रांत संयोजक रतन यादव से संपर्क किया।
इधर, लड़की के माता-पिता भी विजयादशमी वाले दिन दुर्ग पहुंचे। उन्होंने कंपनी में बात कर बेटी और 4 अन्य लड़कियों को दशहरा दिखाने के बहाने रतन यादव के पास ले गए और उन्होंने सारी बात बताई।
7 के खिलाफ केस दर्ज
इसके बाद 3 अक्टूबर को बजरंग दल के कार्यकर्ता कंपनी पहुंचे और जमकर हंगामा किया। मामले में पुलिस ने 7 लोगों पर केस दर्ज किया है। जिसमें रामभरोष साहू, सत्यम पटेल, साहिल कश्यप, सौरभ चौधरी, राहुल सौंधिया, वेदप्रकाश शास्त्री और साधना पटेल के नाम शामिल हैं।