व्हाटसऐप पर भेजे फर्जी नियुक्ति पत्र, बार-बार बदलता था ज्वाइनिंग डेट
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बेरोजगार युवाओं को व्हाटसऐप के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर भेजे। नियुक्ति पत्र में जिस तारीख की ज्वाइनिंग डेट होती थी वे उसे ज्वाइनिंग डेट से कुछ दिन पहले बदल देते थे।
ज्वाइनिंग डेट आगे बढ़ाने की वजह कभी कैबिनेट की बैठक, कभी आचार संहिता तो कभी राज्य में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा जैसे बहाने बनाते थे। पुलिस ने गैंग के मास्टर माइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
खाद निरीक्षक समेत पर्यवेक्षक, चपरासी जैसे पदों के लिए वसूले पैसे. झांसे में आने के बाद जब बेरोजगार युवा पैसे दे देते थे, उसके बाद उनका फर्जी ज्वाइनिंग लेटर सेक्टर-6 के ए मार्केट स्थित टाइपिंग सेंटर में टाइप किया जाता था। यह काम महेश हिराव कर रहा था। ज्वाइनिंग लेटर में बार-बार डेट बदलने का काम भी महेश की जिम्मेदारी थी।
8 से अधिक लोगों से लिए पैसे
जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने अब तक 8 से ज्यादा आवेदकों से करीब 22 लाख रुपए ऐंठे थे। मनोज साहू इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। वह लोगों को सरकारी नौकरी का लालच देता और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता।
फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में भिलाई के महेश हिरावं, जो टाइपिंग सेंटर चलाता है, की बड़ी भूमिका थी। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल किया। उनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
दुर्ग-भिलाई के रहने वाले हैं आरोपी
मनोज कुमार साहू (40 वर्ष) – अंजोरा, पुलगांव दुर्ग
रजत वर्मा (25 वर्ष) – भिलाई नगर
मुकेश वर्मा (53 वर्ष) – भिलाई नगर
महेश हिरावं (63 वर्ष) – हरिनगर, मोहन नगर