शुक्रवार (10 अक्टूबर) को गांव पहुंचे लड़की वाले पूरी तैयारी के साथ आए है। वे अपने साथ बोरिया-बिस्तर और राशन लाए है। ये सभी 45 गांव के लोग है। ग्रामीणों का कहना कि उन्हें शादी से आपत्ति नहीं है।
लेकिन आदिवासी समाज में जो उनकी परंपरा होती है कि लड़के वालों को मुर्गा-बकरा भात खिलाना होता है और 2 लाख का सामान देना होता है। वो देना होगा। जब तक नहीं देंगे, वे यही डटे रहेंगे।
अब जानिए पूरी कहानी
जानकारी के मुताबिक, तीन साल पहले साल 2022 में ग्राम पंचायत विष्णुपुर पीवी 101 की रहने वाले प्रभाष विश्वास (26) महाराष्ट्र के भूमकाम गांव की युवती अलीसा पोटामी (25) से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने कोर्ट में शपथ पत्र के जरिए शादी की थी।
दरअसल, महाराष्ट्र के गांव भूमकाम के लोग रोपा लगाने विष्णुपुर आते हैं। कुछ साल पहले युवती भी रोपा लगाने आती थी, इसी दौरान युवती और युवक का प्रेम प्रसंग शुरू हो गया।
दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। इसकी जानकारी परिजनों को नहीं थी। शादी के बाद युवती ससुराल न जाकर अहेरी में नर्सिंग की पढ़ाई करने लगी। पढ़ाई पूरी हो गई, तो 10 दिन पहले युवती युवक के घर आ गई।
गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद खुला मामला
युवती के घर नहीं आने पर परिजनों ने महाराष्ट्र के कसनसूर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। महाराष्ट्र पुलिस जांच के लिए विष्णुपुर पहुंची और युवती का बयान दर्ज किया। बयान में युवती ने पुलिस को बताया उसने अपनी इच्छा से प्रेम विवाह किया है और युवक के साथ ही रहना चाहती है।
युवती के बालिग होने के कारण महाराष्ट्र पुलिस मामले को यहीं खत्म कर वापस लौट गई। समाज में जब युवती के शादी कर लेने की बात पहुंची तो समाज के लोग युवक के गांव पहुंच गए। फिलहाल, सुरक्षा के मद्देनजर युवक-युवती गांव से बाहर चले गए हैं।
2 लाख की मांग, युवक का परिवार 30 हजार देने की बात पर अड़ा
10 अक्टूबर को युवती के परिजन ग्राम पीवी 101 पहुंचे। इनका कहना है कि वे आदिवासी समाज की परंपरा के अनुरूप लड़के पक्ष से लगभग 2 लाख रुपए की सामग्री की मांग कर रहे हैं। लेकिन युवक के परिवार ने 30 हजार रुपए देने का प्रस्ताव दिया है।
इसलिए बात नहीं बन रही है। इधर, पीवी 101 के सरपंच ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी है। बांदे थाना प्रभारी मनीष नेताम ने कहा कि सरपंच से सूचना मिली है। दोनों पक्ष आपस में बैठक कर रहे हैं। अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है।
शादी से आपत्ति नहीं, लेकिन परंपरा निभाना जरूरी
युवती के गांव से आए समाज प्रमुख कोतुराम पोटवी, नितिन पद्दा ने बताया उन्हें शादी पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आदिवासी रीति है, जिसे निभाना जरूरी है। जब तक यह दंड नहीं दिया जाता हम गांव में डेरा जमाए रहेंगे।
हम अपना राशन पानी साथ लेकर आए हैं। बारिश में रहने के लिए जगह नहीं होने पर सरपंच ने युवती के परिजन और उसके गांव सहित आसपास के गांव के लोगों को स्कूल में रहने जगह दी है।