अभ्यारण्य में सागौन की तस्करी पर प्रशासन की सख्ती के बाद तस्करों ने यह नया तरीका अपनाया था। नवरंगपुर जिले से निकलने वाली उदंती नदी अभ्यारण्य के दक्षिणी हिस्से से होकर ओडिसा के नुआपाड़ा जिले में सिंदूर सील और सुनाबेड़ा इलाकों की ओर बहती है। तस्कर इसी नदी के तेज बहाव का फायदा उठाकर सागौन के लट्ठों को बहाकर ले जा रहे थे।
वन विभाग की टीम को देखकर भाग गए थे तस्कर
अभ्यारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन को लगभग एक हफ्ते पहले सूचना मिली थी कि दक्षिणी उदंती क्षेत्र में तस्कर सक्रिय हैं और नदी के रास्ते तस्करी कर रहे हैं।
इस सूचना पर 2 दिन पहले अधिकारियों ने घेराबंदी शुरू की। टीम को देखते ही तस्कर मौके से फरार हो गए, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने नदी में कूदकर सागौन के लट्ठों को जब्त कर लिया।
तस्कर चार-चार लट्ठों को एक साथ जोड़कर नदी में बहा रहे थे और उन्हें सिंदूर सील घाट पर बाहर निकाल लेते थे। वे इस तरीके को सुरक्षित मान रहे थे, लेकिन उपनिदेशक वरुण जैन की रणनीति के कारण यह योजना भी विफल हो गई।
टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि सूचना के आधार पर घेराबंदी की गई और लट्ठों को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि तस्करों की पहचान की जा रही है, जो ओडिसा के हैं, और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
पिछले दो सालों में, उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में अभ्यारण्य प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने और अवैध वन कटाई रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयां की हैं।
उनकी टीम ने ओडिसा में 20 से अधिक सफल ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें 80 लकड़ी तस्करों पर कार्रवाई की गई और लाखों रुपए की कीमती लकड़ी बरामद की गई।
इसके अलावा, 50 से अधिक वन्य प्राणी तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। नदी के बहाव का उपयोग कर तस्करी करने की यह नवीनतम योजना भी विफल कर दी गई है।