
नक्सलियों के प्रेस नोट में लिखा है कि, लगातार हो रहे हमले से CRB को बड़ा नुकसान हुआ। कई साथी मारे गए। जिससे नक्सल संगठन के साथियों ने शांति वार्ता का आह्वान किया था। ये अपने जीवन के भय से आत्मसमर्पण का कदम उठा रहे हैं। क्योंकि इनके शांतिवार्ता का कोई भी परिणाम नहीं निकला। क्रांति में उतार-चढ़ाव होता है।
क्रांतिकारी आंदोलन में उतार-चढ़ाव बहुत स्वाभाविक है। हमारी पार्टी अनेक उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए इस स्तर तक पहुंची है। वर्तमान में हो रहे गंभीर नुकसान को देखते हुए CRB क्षेत्र के कुछ नेता और कार्यकर्ता पलायनवाद का प्रदर्शन करते हुए आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
CRB स्पष्ट कर रहा है कि, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में हमारी पार्टी के पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और कांकेर जिलों में हमारी पार्टी के CCM सतीश के नेतृत्व में और तेलंगाना में चंद्रन्ना सीसीएम, एसजेडसी और राज्य कमेटी स्तर के नेतृत्व में आत्मसमर्पण हुआ है। ये सभी पलायनवाद के परिणाम ही हैं। तेलंगाना सरकार के साथ अप्रत्याशित समझौता
तेलंगाना राज्य कमेटी पहले ही तेलंगाना सरकार के साथ अप्रत्याशित समझौता कर चुकी है। पिछले 6 महीने से एकतरफा युद्धविराम का पालन कर रही है। तेलंगाना राज्य कमेटी के प्रवक्ता जगन ने एक बयान जारी कर कहा है कि, अब आने वाले 6 महीनों तक एकतरफा युद्धविराम का पालन किया जाएगा।
पूर्वी रीजनल ब्यूरो ने कहा कि, तेलंगाना राज्य कमेटी ने बिना किसी सूचना के अनौपचारिक और अघोषित रूप से तेलंगाना सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने हमें वहां के घटनाक्रमों की जानकारी नहीं दी। हमारी राय भी नहीं ली। जिसकी हम निंदा करते हैं।
शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। महासचिव समेत कई बड़े कैडर के नक्सली मारे जा चुके हैं। बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
20 महीने में 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि पिछले 20 महीनों में अब तक 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ले रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में और भी माओवादी इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे।